मुरैना,(नईदुनिया प्रतिनिधि)। सरायछौला पुलिस ने हाईवे पर चेकिंग के दौरान नकली व मिलावटी दूध बनाने के उपयोग में आने वाले ड्राई ग्लूकोज से भरी मिनी लोडिंग पकड़ी है। यह ड्राई ग्लूकोज राजस्थान के धौलपुर से मुरैना ले जाया जा रहा था। ड्राई ग्लूकोस के साथ पुलिस ने जिस आरोपित को पकड़ा है, उसकी दुकान पर सात दिन पहले भी भारी मात्रा में ड्राई ग्लूकोज पकड़ा गया है। इस मिलावटखोर पर सात दिन में दूसरी एफआइआर हुई है।
दरअसल सोमवार की दोपहर सरायछौला थाने में मुखबिर ने सूचना दी, कि राजस्थान की ओर से नकली व मिलावटी दूध बनाने वाली सामग्री मिनी लोडिंग क्रमांक एमपी 06 जीए 3765 में आ रही है। पुलिस ने थाने के पास ही चेकिंग पाइंट लगवाकर इस मिनी लोडिंग को रोका तो उसमे डाई ग्लूकोज के 60 बोरे भरे हुए थे, जिनका वजन 1500 किलो बताया गया है। ड्राई ग्लूकोज के साथ पुलिस ने रानपुर गांव के कृष्णा पुत्र रामेश्वर अग्रवाल उम्र 38 वर्ष को पकड़ा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र जैन ने ड्राई ग्लूकोज के सेंपल लिए, उसके बाद आरोपित कृष्णा अग्रवाल पर सरायछौला थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। बताया गया है कि कृष्णा अग्रवाल को 19 सितंबर को भी दिमनी पुलिस ने पकड़ा था, उस समय रानपुर गांव में कृष्णा अग्रवाल की दुकान पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की, तब 58 बोरे ड्राई ग्लूकोज के जब्त किए गए हो। उस समय भी आरोपित कृष्णा पर एफआइआर दर्ज हुई थी।
धौलपुर से आती है मिलावटी दूध की सामग्रीः मुरैना जिला सिंथेटिक व मिलावटी दूध के लिए भले की कुख्यात हो चुका है, लेकिन मिलावटी व नकली दूध बनाने की सामग्री सप्लाई करने का मुख्य अड्डा मुरैना से 20 किलोमीटर दूर राजस्थान का धौलपुर जिला है। धौलपुर से हर रोज भारी मात्रा में माल्टोडेक्सट्रिन पाउडर, ड्राई ग्लूकोज, आरएम केमिकल, लिक्विट डिटर्जेंट जैसे कई प्रकार के केमिकल मुरैना आ रहे हैं। इतना ही नहीं धौलपुर और उसके आसपास के गांवों में भारी मात्रा में मिलावटी दूध, मावा व पनीर का कारोबार हो रहा है। तीन दिन पहले हाईवे पर ही पुलिस ने एक बस में 200 किलो से ज्यादा मिलावटी मावा पकड़ा था। छानबीन में सामने आया कि, यह मावा धौलपुर से आया था, जो मुरैना के रास्ते ग्वालियर में खपने जा रहा था।
नकली दूध और मिलावट को इस तरह जांचेंः
-दूध में पानी की मिलावट को पहचानने के लिए, दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं। अगर बूंद धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है। मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाएगी।
-दूध में स्टार्च की मिलावट की पहचान के लिए, आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में मिलाएं। मिलाने पर मिश्रण का रंग नीला हो जाए तो इसमें स्टार्च मिला है।
-दूध में यूरिया मिलावट की पहचान के लिए, टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं। पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं। अगर पेपर का रंग नीला हो जाए तो यूरिया मिला है।
- दूध में वनस्पति, पाम आयल की मिलावट को परखने के लिए तीन एमएल दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूंद मिलाएं। इसके बाद एक चम्मच चीनी मिलाने के पांच मिनट इंतजार कीजिए, यदि दूध का रंग हल्का लाल हो तो इसमें यूरिया मिला है।
- नकली दूध को पहचाने के लिए, दूध को दोनों हथेलियों के बीच रगड़ने पर उसमें साबुन जैसा चिकनापन लगता है, स्वाद में यह दूध हल्का कड़वा होता है, गर्म करने पर पीला पड़ जाता है।
वर्जन-
कृष्णा अग्रवाल के गोदाम से सात दिन पहले भी ड्राई ग्लूकोज पकड़ा गया था, सोमवार को भी उसे हाईवे पर 1500 किलो ड्राई ग्लूकोज के साथ पकड़ा है। सात दिन पहले भी एफआइआर करवाई थी, उसके बाद भी यह आरोपित दोबारा उसी काम को करता पाया गया है। ऐसे लोगों को चिन्हित करके हम निगरानी व लगातार कार्रवाई करेंगे।
धर्मेन्द्र जैन. खाद्य सुरक्षा अधिकारी
Posted By: Nai Dunia News Network
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