मुरैना(नईदुनिया प्रतिनिधि)। गर्मी के साथ मुरैना जिले के कई गांवों में भीषण पेयजल संकट हो जाता है। सालों से पेयजल संकट से जूझ रहे जिले के 217 गांवों के लिए राहतभरी खबर यह है कि इन गांवों में अगले महीने से घर-घर में नलों से पानी मिलने लगेगा। जलजीवन मिशन अभियान के तहत इन 217 गांवों में नलजल योजनाओं का काम अंतिम चरणों में जा पहुंचा है।
गौरतलब है कि पहाड़गढ़ क्षेत्र के मानपुर, बहराई, बगेबर, धौधा, कालाखेत, धोविनी, जडेरू, रकेरा, आरेठी। कैलारस के चमरगवां, डमेजर आदि गांवों में पीने के पानी का संकट हर साल गहरा जाता है। इसी तरह सबलगढ़ के कोल्हूडांडा, नंदपुरा, जौरा के छैरा, अंबाह के पूठा नवीन, बड़फरा, खिरेंटा, बगियापुरा, रामपुर, जोंसिल, गोबरा, बेरखेड़ा, देवरा, सालई, ऐंचवाड़ा, केलरी, गणेशपुरा, नंदापुरा आदि गांवों में हर साल गर्मी के दिनों में पीने के पानी का संकट खड़ा हो जाता है। रामपुर के जोंसिल गांव में दो किलोमीटर दूर खेतों में लगे बोरों से पानी लाने के लिए ग्रामीण बैलगाड़ी में ड्रम व खाली बर्तन लेकर रोज सुबह पानी के लिए जद्दोजहद करते नजर आते हैं। रामपुर कस्बे में ही पानी का संकट ऐसा है, कि कई लोगों ने पानी के लिए हाथठेले बनवा लिए हैं। इन हाथठेलों से सिर्फ पानी ढोने का काम होता है। रामपुर कस्बे में पेयजल संकट इतना बड़ा है कि हर गर्मी के सीजन में पानी के लिए लोग आंदोलन करते हैं। इस बार भी गर्मी के साथ हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। कई लोग दिन में मजदूरी व अपने कामों में व्यस्त रहते हैं, रात में खेतों के बोरों से पानी का इंतजाम करते हैं। ऐसे ही 217 गांवों में नलजल योजना का काम चल रहा है, यह काम जून महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। पीएचई विभाग का दावा है कि बारिश से पहले इन गांवों में नलजल योजना से पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। वर्तमान में मुरैना जिले के 45 से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां पीने का पानी टैंकर या अन्य माध्यमों से परिवहन करके दूसरे गांवों से लाया जा रहा है।
सवा पांच हजार ग्रामीण परिवारों को मिलेगी राहतः
जिले के 720 गांवों में आगामी 30 साल के लिए पेयजल सुविधा करने के लिए 478 ग्राम पंचायातों के 720 गांवों 1.31 लाख परिवारों को भी नलजल योजना और चंबल नदी से पानी पहुंचाने की योजना है। इसके पहले चरण में 217 गांवों में नलजल योजना का काम चल रहा है। यह 217 गांव वह हैं, जिनमें गर्मी से पहले भी भीषण पेयजल संकट हो जाता है। पीएचई विभाग के अनुसार जन पेयजल परियोजनाओं का काम जून महीने में पूरा हो जाएगा और 217 गांवों के सवा पांच हजार से ज्यादा परिवारों को पीने का पानी मिलेगा। इसके लिए गांवों में पाइप लाइन बिछाने और टंकी बनाने का काम चल रहा है। इसके बाद दूसरे चरण में 250 से ज्यादा गांवों में नलजल योजना काम शुरू होगा। इसके लिए इसी महीने पीएचई विभाग अप्रैल महीने में ही टेंडर जारी करने की तैयारी कर रहा है।
तेजी से घट रहा जलस्तर, पाइप बढ़ाकर भी हल नहीं:
गर्मी के साथ पानी की खपत बढ़ रही है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के पानी की आपूर्ति बोर, हैंडपंप यानी भू-जल से हो रही है। ऐसे में भू-जल स्तर भी तेजी से घटता जा रहा है। अंबाह क्षेत्र के डंडोली गांव में भूजल स्तर 160 था जो गिरकर 200 फीट से ज्यादा हो गया है। ऐसे में ग्रामीण बोर व हैंडपंपों में पाइप बढ़ा रहे हैं, लेकिन पाइप बढ़ाने के बाद 10 से 12 दिन पानी आता है, उसके बाद हैंडपंप या बोर फिर पानी देना छोड़ देते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बारों में 20-20 फीट के दो से तीन-तीन पाइप बढ़ा दिए, लेकिन पानी की समस्या का हल नहीं हो रहा। अंबाह तहसील के रूंध का पुरा के हैंडपंप सूख चुके हैं तो रामगढ़, होला का पुरा, दलजीत का पुरा के परिवार भी पानी के लिए हर रोज जद्दोजहद कर रहे हैं।
वर्जन
- जलजीवन मिशन के तहत 721 गांवों में नलजल योजना का काम तेज गति से चल रहा है। जून महीने के अंत तक इन सभी नलजल योजनाओं को शुरू कर, सवा पांच हजार से ज्यादा परिवारों को नलों से पीने का पानी मुहैया होने लगेगा। जिन गांवों में अभी पानी का संकट है, वहां टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है।
एसएल बाथम,ईई, पीएचई मुरैना
Posted By: Nai Dunia News Network
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