मुरैना। नईदुनिया प्रतिनिधि
मुरैना-अंबाह-पोरसा टू-लेन हाईवे का अधिकांश काम पूरा हो गया है। कुछ जगहों पर सड़क का निर्माण अटका है, लेकिन सबसे बड़ी रुकावट मुरैना-दिमनी के बीच क्वारी नदी का पुल है। किसानों के विरोध के कारण दो साल पहले अधूरे छोड़े गए पुल का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है।
नेशनल हाइवे 552 के मुरैना-अंबाह से पोरसा के बीच हो रहे निर्माण का है। 49 किलोमीटर की टू-लेन नेशनल हाइवे का निर्माण 135 करोड़ में हो हुआ है। इस हाइवे के लिए मुरैना, अंबाह व पोरसा क्षेत्र के 110 से ज्यादा किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इन किसानों को 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान अटका तो किसानों ने निर्माण कार्य रोक दिए। इस कारण मुरैना ब्लाक में आने वाले रपट का पुरा व अंबाह ब्लाक के चांदपुर गांव के किसानों के करीब 19 किसानों के मुआवजे का भुगतान रोक दिया गया। इस कारण दो साल पहले किसानों ने पुल व यहां सड़क का काम रुकवा दिया। अब अधिकांश किसानों के मुआवजे का भुगतान हो चुका है। किसानों का भी कोई विरोध अब नहीं रहा, फिर भी निर्माण कंपनी अधूरे काम को पूरा नहीं कर रही। इस पुल के अधूरे होने से वाहन पास ही कच्चे रास्ते से निकल रहे हैं, जिसमें बारिश के सीजन में पानी जमा हो जाता है। पिछले साल बारिश में कई बार इस रूट पर आवागमन बाधित हुआ था। इस बार बारिश के सीजन में भी ऐसे हालात बनेंगे। स्थानीय लोगों के अनुसार पुराने पुल और उसके पास बनी कच्ची रोड के कारण आए दिन दो पहिया वाहन सवार फिसलकर घायल हो रहे हैं।
रतीरामपुरा में बनेगा टोल प्लाजा, जमीन चयनित
मुरैना-अंबाह-पोरसा के लिए बनी चकाचक टू-लेन पर अब तक वाहन फ्री में सफर कर रहे थे, लेकिन जैसे ही इसका निर्माण पूरा होगा उसके बाद इस सड़क पर सफर करने के एवज में टोलटैक्स चुकाना पड़ेगा, क्योंकि मप्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर खर्च हुए 135 करोड़ रुपये से ज्यादा को वसूल करने के लिए इस रोड पर टोलप्लाजा बनवा रही है। इसके लिए रतीराम का पुरा व चांदपुर के बीच जमीन भी चयनित हो गई है। टोल प्लाजा की जगह भी उसी जगह पर है जहां के किसानों को मुआवजा अटक गया था, इसलिए टोल का काम भी समय पर शुरू नहीं हो सका। बताया गया है, कि एनएचएआई विभाग के अफसरों के अनुसार शासन ने टोल वसूली करने वाली कंपनी का चयन भी कर लिया है। यह कंपनी बीते साल बारिश के सीजन के बाद रतीराम का पुरा गांव में टोल नाका बनाना शुरू करने वाली थी पर अब तक निर्माण के नाम पर एक ईंट नही रोपी गई। टोल का ठेका लेने वाली कंपनी को कम से कम 15 साल तक इस रूट पर चलने वाले वाहनों से टोल वसूली के अधिकार दिए जाएंगे। अब तक इस रूट पर निःशुल्क चल रहे वाहनों को टोल प्लाजा पर कम से कम 40 शुल्क चुकाना होगा।
वर्जन
- रपट का पुरा व चांदपुर में ग्रामीणों ने पुल व हाइवे का निर्माण मुआवजे के कारण ही किसानों ने रुकवाया था। इनमें से अधिकांश किसानों को मुआवजा मिल चुका है, कुछ किसानों के बैंक खाता नंबर नहीं मिले इसलिए उनके खाते में राशि जमा नहीं हो सकी। इस रूट पर रपट का पुरा के पास टोल प्लाजा बनेगा, इसलिए जमीन चिन्हित हो गई है। अधूरे पुल को जल्द पूरा करवाया जाएगा।
किशनलाल जर्या
प्रोजेक्ट इंजीनियर, एनएचएआइ
Posted By: Nai Dunia News Network
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