Morena News: मुरैना. नईदुनिया प्रतिनिधि। कलेक्टर की फर्जी अनुमति बनाकर सरकारी जमीन के पट्टे बांटने के मामले में ग्वालियर लोकायुक्त ने बुधवार को तत्कालीन तीन तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार, दो पटवारी, एक उप पंजीयक, तहसीलदार के रीडर और कई पट्टाधारियों पर केस दर्ज किया है। मामला कैलारस तहसील का है, जहां साल 2010 से लेकर 2017 तक सेमई, गुलपुरा और सूरापुरा गांव में 17 हेक्टेयर से ज्यादा सरकारी जमीन के पट्टे बांटे गए।
लोकायुक्त में की गई थी शिकायत
जानकारी के अनुसार कैलारास तहसील के अंतर्गत सैमई गांव के निवासी सुल्तान सिंह पुत्र गंगाराम ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की थी। लोकायुक्त ने अपनी जांच में शिकायत को सही पाया और जांच में पुष्ट हुआ है, कि फर्जी पट्टों से सरकार को ढाई करोड़ से ज्यादा की क्षति पहुंचाई गई है। लोकायुक्त ने इस मामले में 2010 में पदस्थ रहे तहसीलदार प्रदीप शर्मा, 2012-13 में पदस्थ रहे तहसीलदार भरत कुमार (वर्तमान में भी कैलारस तहसील में पदस्थ हैं) । 2012-13 में पदस्थ रहे नायब तहसीलदार सर्वेश यादव (वर्तमान में मुरैना कलेक्टोरेट में पदस्थ हैं), 2016-17 में पदस्थ रहे तहसीलदार भूदेव महोबिया, तहसीलदार के तत्कालीन रीडर रामगोविंद शर्मा, तत्कालीन पटवारी हाकिम सिंह यादव, माखन लाल अर्गल, उप पंजीयक आरएन शाक्य को आरोपी बनाया है। इनके अलावा फर्जी तरीके से पट्टा कराने वाले गिर्राज पुत्र जसवंत ठाकुर, रवेंद्र पुत्र तुस्सी ठाकुर, राजीव पुत्र शंकर ब्राह्मण, गादीपाल पुत्र प्रीतम जाटव, हरीपाल उर्फ बनवारी पुत्र खूबचंद शर्मा, रामनिवास पुत्र सेवाराम रावत, गिर्राज पुत्र शंकरलाल ब्राह्मण, रमाकांत पुत्र रवेंद्र लाल, अशोक पुत्र खूबचंद ब्राह्मण, देवेंद्र पुत्र खूबचंद ब्राह्मण, बनवारीलाल शर्मा पुत्र खूबचंद्र शर्मा, गीता पुत्री भरोसी जाटव, बनवारी पुत्र बद्री धाकड़, जयप्रकाश पुत्र रामहेत ब्राह्म्ण को आरोपित बनाया है। लोकायुक्त ने इन सभी पर धारा 420, 467, 468, 120वीं एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
Posted By: Nai Dunia News Network