Morena News: हरिओम गौड़, मुरैना। नईदुनिया प्रतिनिधि। ठंड आते ही गुड़ के साथ तिल में लिपटी गजक की खुशबू भी चंबल में खूब फैलने लगती है। लेकिन इस बार यह सात समंदर पार तक जा पहुंची है। कोरोना काल में जहां कई सेग्मेंट का व्यवसाय ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है वहीं मुरैना के गजक के कारोबारी इस साल दो गुने हो गए। इन कारोबारियों की मेहनत और प्रशासन की पहल से इस साल यह 'खसखसी मिठास' अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन तक जा पहुंची है। गजक व्यवसायियों को उम्मीद है कि इस साल कारोबार का आंकड़ा पांच करोड; पार कर जाएगा। अमूमन यह तीन करोड; तक ही रहता है।
बता दें कि मुरैना की गजक की पहचान को और विकसित करने के लिए जिला प्रशासन ने एक साल पहले 'गजक मीठोत्सव 2019' का आयोजन किया था। इस महोत्सव के बाद मुरैना में गजक के कारोबार को ऐसे पंख लगे कि कोरोना संक्रमण के बावजूद एक साल में ही गजक के व्यापारियों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। मुरैना में गजक निर्माण को 100 साल पूरा होने पर दिसंबर 2019 में जिला प्रशासन ने दो दिनी 'गजक मीठोत्सव' का आयोजन किया था।
महोत्सव में शहर के प्रमुख गजक व्यापारियों की स्टॉल लगीं थीं। इस दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा कारोबार करने का अवार्ड जीतने वाले दिनेशकुमार शिवहरे बताते हैं कि पहले मुरैना की गजक की पहुंच ग्वालियर चंबल व अंचल से सटे राजस्थान-यूपी के शहरों तक थी लेकिन अब हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, कोलकाता तक के लोगों की मांग आ रही है।
डिजिटल प्रचार प्रसार के चलते अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन जैसे शहरों में रह रहे भारतीय परिवार भी मुरैना की गजक को खूब पसंद कर रहे हैं। पहले गजक का कारोबार करीब तीन करोड़ रुपये तक था, लेकिन इस साल इस बार कारोबार के 5 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है। अब लोग गजक को वीआईपी मिठाई की तरह मानने लगे हैं। अगर कोरोना के कारण ट्रेनें प्रभावित नहीं होती तो करोबार और भी बढ़ता।
तीन हजार परिवारों को रोजगार: बेस्ट इनोवेशन का अवार्ड जीतने वाले पिंकी पचौरी बताते हैं कि पिछले साल तक शहर में 130 से 140 गजक की दुकानें थीं। इस बार दुकानों की संख्या 300 के पार हो चुकी है, इनमें से 160 से ज्यादा तो गजक बनाने वाले हैं। शहर में ऐसी कोई सड़क या बाजार नहीं मिलेगी, जहां गजक की दुकान न हो। नवंबर से फरवरी तक चलने वाला यह कारोबार ढाई से पौने तीन हजार परिवारों को रोजगार दे रहा है।
इम्युनिटी बढ़ाकर कोरोना से लड़ने में भी मददगार: गजक केवल स्वाद बढ़ाने या भूख मिटाने वाली चीज नहीं है, बल्कि यह सर्दी के दिनों में इम्युनिटी बढ़ाने वाली ऐसी मिठाई है जिसे रोज खाने की सलाह अब डॉक्टर भी देते हैं। डॉ. सुरेन्द्र कुमार तिवारी बताते है कि गजक को गुढ़ व तिल से बनाया जाता है जो सर्दी के दिनों में इम्युनिटी बढ़ाने में सबसे ज्यादा मददगार है। सुबह-शाम के खाने के बाद गजक के दो पीस खाना सर्दी के दिनों में सेहत के लिए फायदेमंद है।
जीआई टैग के लिए दावा कर चुका है मुरैना: मुरैना की गजक को जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेशन दिलाने के लिए दिसंबर 2019 में तत्कालीन कलेक्टर प्रियंका दास ने प्रस्ताव भेजा था। किसी उत्पाद की खासियत के आधार पर जीआई टैग उस प्रोडक्ट को मिलता हैै जो और कहीं न बनता हो। यानी जीआई टैग किसी उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी अलग पहचान का सबूत है। चेन्नाई स्थित इंस्टीट्यूट विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक संपदा अधिकारों के तहत यह प्रक्रिया देखता है। बताया गया है कि मुरैना के साथ एक अन्य शहर ने गजक के जीआई टैग का दावा किया है, इसलिए इस पर फैसला नहीं हुआ है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे