Morena News: मुरैना . नईदुनिया प्रतिनिधि। इमलिया गांव की गोशाला के पास मिले मवेशियों की हड्डियों के ढेरों को लेकर उठा विवाद शांत नहीं हो रहा। पशुपालन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में हड्डियों के ढेर में गायों के कंकाल नहीं बताए हैं, इसे लेकर गोसेवकों ने नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को कलेक्टर अंकित अस्थाना को ज्ञापन दिया है। गोसेवकों ने हड्डियों की फोरेंसिंक जांच और इस पूरे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

पांच मार्च को ग्रामीणों ने दी थी सूचना

रविवार पांच मार्च को इमलिया गांव के ग्रामीणों ने सूचना दी कि इमलिया गांव की गोशाला के पास मवेशियों की हड्डियों का ढेर मिला था। ग्रामीणों ने बताया कि रात के अंधेरे में कोई वाहन आता है, जो इन कंकालों को फेंककर चला जाता है। रविवार को बताया गया कि कंकालों के इस ढेर में 90 फीसद गोवंश और 10 फीसद भैंस के कंकाल है। इसके बाद कलेक्टर अंकित अस्थाना ने मामले की जांच के लिए पशुपालन विभाग की एक समिति बनाई। इसी समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, कि ढेर में मिली हड्डियों में 40 फीसद हड्डियां भैंस की व 60 फीसद अन्य मवेशियों की है। इसमें गाेवंश की हड्डियों का कहीं जिक्र नहीं किया गया है। शुक्रवार को गाेसेवक रुद्रप्रताप सिंह, हेमू पंडित, सौरभ, गिर्राज आदि ने कलेक्टर के नाम दिए ज्ञापन में कहा है, कि पशुपालन विभाग ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें पर्याप्त प्रमाण भी नहीं है। रिपोर्ट में गोवंश ही हड्डियां नहीं बताई है, जबकि एफआइआर में 90 फीसद हड्डियां गोवंश की दर्शायी गई है। गोसेवकों का आरोप है कि मुरैना के आसपास बूचड़खाना चला रहा है, वहां से हड्डियां रात में फेंकी जाती है। इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। जांच नहीं होने पर गोसेवकों ने उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी ज्ञापन में दी है।

Posted By: Nai Dunia News Network

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