Morena News: मुरैना (नईदुनिया प्रतिनिधि)। घड़ियाल सेंक्चुरी में आने वाली नदियों में जलीयजीवों की गणना शुरू हो गई है। सर्वे की शुरुआत श्योपुर जिले में पार्वती नदी से हुई है, इसके बाद चंबल नदी में श्योपुर से लेकर मुरैना होते हुए भिंड तक जलीय जीवों की गिनती कर पूरा रिकार्ड तैयार किया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार ने 1984 से चंबल घड़ियाल सेंक्चुरी में जलीय जीवों की सालाना गणना शुरू की थी। इसमें घड़ियाल सेंक्चुरी में आने वाली पार्वती नदी के 60 किलोमीटर व चंबल नदी 435 किलोमीटर के हिस्से में पाए जाने वाले प्रमुख जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन की गणना की जाती है। मंगलवार से श्योपुर की पार्वती नदी के बड़ौदिया घाट से 2 मोटरबोट में 12 लोगों की टीम ने जलीय जीवों की गिनती शुरू की। घड़ियाल सेंक्चुरी के कर्मचारियों के साथ रिसर्च स्कॉलर्स और जलीय जीव विशेषज्ञ शामिल हैं।
गुरुवार को श्योपुर में बरौली स्थित चंबल नदी के क्षेत्र में गणना की गई। घड़ियाल सेंक्चुरी के अफसरों के अनुसार शुक्रवार सुबह से मुरैना की सीमा में आने वाली चंबल नदी में वन्यजीवों की गिनती शुरू हो जाएगी। 15 फरवरी तक गणना पूरी होने के बाद वन्यजीवों की संख्या का पूरा रिकार्ड तैयार होगा, जो प्रदेश व केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। चंबल नदी किनारे आने वाले प्रवासी पक्षियों की भी गणना की जा रही है। टीम के सदस्य जहां भी प्रवासी पक्षी नजर आते हैं, उनके फोटो लेकर उनकी प्रजाति का पता लगाते हैं।
पांच साल की गणना के आंकड़े
साल - घड़ियाल - मगरमच्छ
2016 - 1162 - 464
2017 - 1255 - 562
2018 - 1681 - 613
2019 - 1876 - 706
2020 - 1859 - 710
इनका कहना है
घड़ियाल सेंक्चुरी में जलीय जीवों की वार्षिक गणना का काम 15 फरवरी तक पूरा हो जाएगा। सर्वे में पहले पार्वती नदी में जलीय जीवों और श्योपुर से मुरैना और भिंड तक चंबल नदी में जीवों की गणना की जानी है। इसमें घड़ियाल, मगरमच्छों के अलावा डॉल्फिन की गणना होती है, साथ ही प्रवासी पक्षियों की भी गिनती करवाई जाती है।
अमित निगम, डीएफओ, घड़ियाल सेंक्चुरी
Posted By: Nai Dunia News Network
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