Mp Morena Crime news मुरैना. नईदुनिया प्रतिनिधि। लेपा गांव में खूनी संघर्ष में मरे छह लोगों के शवों का शनिवार दोपहर को अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि पहले स्वजन बिना अपनी मांगों को पूरा किए अंतिम संस्कार करने के लिए राजी नहीं थे। लेकिन प्रशासन व पुलिस के अफसरों द्वारा उनकी मांगों पर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद स्वजन अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए। इसके बाद सभी शवों के लिए गांव के मुक्तिधाम में ही एक साथ छह चिता तैयार की गईं और इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि अंतिम संस्कार में गांव के कम ही लोग मौजूद थे। मृतकों के रिश्तेदार व परिवर के लोग ही थे। अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन व पुलिस के अफसर मय बल के मौजूद थे। शवों के अंतिम संस्कार के बाद प्रशासन व पुलिस ने राहत की सांस ली है।
मुश्किल से राजी हुए स्वजन
आखिर पीडि़तों के स्वजन मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए। अब वे शवों को एंबुलेंस से उतारकर उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे हैं। हालांकि पहले स्वजन आरोपितों को पकड़ने, उनके मकान तोड़ने व शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की मांग पर अड़े थे। शनिवार सुबह प्रशासन व पुलिस अफसरों ने स्वजनों को समझाइश दी और उन्हें उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद स्वजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए।यहां बता दें कि जमीन विवाद को लेकर लेपा गांव में शुक्रवार को हुए खूनी संघर्ष में एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी गई। घटनाक्रम के बाद शवों का पीएम कराकर पुलिस लेपा गांव ले गई। लेकिन सभी शव एंबुलेंस में ही रखे हैं। स्वजन तब तक शव लेकर उनका अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं थे। जब तक आरोपितों के मकान पर बुलडोजर नहीं चल जाता और उन्हें बंदूक के लाइसेंस नहीं मिल जाते। मृतकों के स्वजन किसी भी कीमत पर अपनी मांगों के पूरा न होने तक अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में पुलिस प्रशासन का सिरदर्द बढ़ रहा है और गांव में तनाव भी था।
लाइसेंस देने में प्रशासन को है दिक्कत
पीडि़त पक्ष को शस्त्र लाइसेंस देने में पुलिस व प्रशासन को खासी दिक्कत है। क्योंकि नियमानुसार हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध के आरोपित को शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया जा सकता। पीडि़त परिवार में जो लाेग हैं उनके ऊपर कोई न कोई अपराधिक मामला है। ऐसे में प्रशासन उन्हें लाइसेंस नहीं दे सकता। हालांकि प्रशासन के अफसरों ने स्वजनों के सामने प्रस्ताव रखा था कि वे अपने घर की महिलाओं के नाम पर लाइसेंस ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए वे तैयार नहीं है। ऐसे में अंतिम संस्कार करने में गतिरोध आ रहा है।
मकान तोड़ने के लिए भी जांच जरूरी
पीडि़तों की आरोपितों के मकान को तोड़ने की भी मांग है। लेकिन इसके लिए भी प्रशासन व पुलिस को पहले मकानों की जांच करना है कि वे वैध हैं या अवैध। ऐसे में अभी जांच नहीं हो पाई है। ऐसे में प्रशासन मकान भी नहीं तोड़ पा रहा है।
आरोपितों की लोकेशन भिंड के मेहगांव में मिली
खूनी संघर्ष के आरोपितों की लोकेशन पुलिस को भिंड के मेहगांव के एक गांव में मिली है। यहां पर आरोपितों के वाहनों को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। आरोपित वाहनों को छोड़कर भाग निकले थे। हालांकि आरोपित अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। बताया जाता है कि आरोपित भिंड के रास्ते उत्तरप्रदेश में अपनी रिश्तेदारों में जाने की कोशिश में हैं।
मधु पहली बार आई थी लेपा
मृतकों में मधु पत्नी सुनील तोमर नामक महिला भी है। इसकी शादी अहमदाबाद में ही सुनील से हुई थी। शादी के बाद से वह कभी भी लेपा गांव में नहीं आई थी। शुक्रवार को पहली बार वह लेपा में परिवार के साथ आई थी और आरोपितों की गोली का शिकार हो गई।
Posted By: anil tomar
- # Morena news
- # Morena Massacre
- # MP Morena news
- # Mp Morena Crime news
- # लेपा गांव
- # Lepa gao firing
- # lepa village land dispute