
नईदुनिया न्यूज, नरसिंहपुर। जिले में चूहों से फैलने वाली संक्रामक बीमारी स्क्रब टाइफस का खतरा बढ़ गया है। हाल ही में तीन ग्रामीण मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने और बचाव के उपाय अपनाने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
तीन ग्रामीणों में संक्रमण की पुष्टि
जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. गुलाब खातरकर ने बताया कि अब तक मिले तीनों मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। इनमें से एक मरीज साईखेड़ा क्षेत्र के खेत में बने मकान में रह रहा था, जहां चूहों की बीट से संक्रमण फैलने की आशंका है। दूसरा मरीज नरसिंहपुर तहसील के झामर गांव का है, जो घर के आसपास की घास की सफाई के दौरान संक्रमित हुआ। वहीं तीसरा मामला करेली तहसील में सामने आया है। तीनों मरीजों का इलाज स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में चल रहा है।
21 से 28 दिन में दिखते हैं लक्षण
डॉ. खातरकर ने बताया कि स्क्रब टाइफस का संक्रमण रोडेंट (चूहों) पर रहने वाले संक्रमित घून (माइट्स) के काटने से फैलता है। इसके लक्षण व्यक्ति में 21 से 28 दिन के भीतर दिखाई देते हैं। मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में अकड़न, सूखी खांसी, शरीर पर दाने, और गंभीर मामलों में निमोनिया या मस्तिष्क ज्वर शामिल हैं। काटे गए स्थान पर अक्सर काले धब्बे जैसा निशान भी दिखाई देता है।
बचाव के लिए एडवायजरी जारी
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को कई सावधानियां बरतने की सलाह दी है। इसमें डॉक्टर की सलाह से कीटनाशी (रिपलेंट) क्रीम का उपयोग, खेत, जंगल या झाड़ियों में जाते समय पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना, और घास-फूस या झाड़ियों में बैठने या सोने से बचना शामिल है।