राजगढ़ नगर पालिका ने हटाए 114 कर्मचारी, सेवा से हटाकर सूची चस्पा की
राजगढ़ ऐसी नगर पालिका है जहां शासन के निर्देशों के परिपालन में सबसे पहले कर्मचारियों को हटाया गया है।इसके पहले अभी तक किसी भी निकाय ने नियमविरूद्ध रखे गएकर्मचारियों को हटाने की दिशा में एक कदम भी नहीं बढाया है। लेकिन अब अन्य निकायों में भी इस तरह से रखे गए कर्मचारियों पर तलवार लटक गई है।
Publish Date: Tue, 11 Nov 2025 09:56:18 PM (IST)
Updated Date: Tue, 11 Nov 2025 10:02:49 PM (IST)
राजगढ़ नगर पालिका कार्यालय।HighLights
- 2000 में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
- व्यवस्था निगम, मंडल, सार्वजनिक उपक्रम आदि में भी लागू की गई थी।
- हालांकि कर्मचारियों को हटाने के साथ ही राजनीति भी शुरू हो गई है।
राजगढ़। मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के बाद अंतत: राजगढ़ नगर पालिका परिषद से 114 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हटा दिया गया। मंगलवार को उनको हटाने के आदेश जारी करने के साथ ही संबंधित कर्मचारियों के नाम नगर पालिका कार्यालय पर चस्पा कर दी है। अब उनकी सेवाएं नगर पालिका कार्यालय से एक तरह से समाप्त हो चुकी हैं।
अक्टूबर माह में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नियमविरूद्ध तरीके से रखे गए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाने के निर्देश जारी किए थे। मंगलवार को 114 कर्मचारियों को निकाय से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यहां पर जिन 114 कर्मचारियों को हटाया गया है उनमें 2016 से लेकर जो भर्ती की गई थी उन्हीं को हटाया गया है।
इसमें सफाई कर्मचारी, वाटर वर्क्स कर्मचारी सहित अन्य सभी पदों पर कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। संबंधितों को हटाने के साथ ही उनके नामों की सूची भी कार्यालय में चस्पा कर दी है। हालांकि कर्मचारियों को हटाने के साथ ही राजनीति भी शुरू हो गई है।
25 साल पहले लगाया था प्रतिबंध, फिर भी नियुक्तियां जारी थी
- प्रदेश में वर्ष 2000 में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखने पर प्रतिबंध लगाया गया था। यह व्यवस्था सभी विभागों के साथ-साथ निगम, मंडल, सार्वजनिक उपक्रम आदि में भी लागू की गई थी, लेकिन नगरीय निकायों में नियुक्तियां होती रहीं।
- इसके बाद अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मंत्रालय में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने विभागीय समीक्षा की थी।
- इसमें निकायों की आर्थिक स्थिति पर चर्चा में समय पर कई जगहों पर समय पर वेतन नहीं बंटने की बात आई तो बताया गया कि दैनिक वेतनभोगियों का वेतन रुका हुआ है।
- इसके बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए नगर निगम आयुक्तों और नगर पालिका व परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से पूछा था कि नियुक्ति किस आधार पर की गई।
- वेतन कहां से दिया जा रहा है, शासन से अनुमति ली गई या नहीं और तत्समय कौन अधिकारी पदस्थ थे।यह रिपोर्ट 25 अक्टूबर तक मांगी गई थी। इसके आधार पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।ऐसे में यहां पर 114 को हटा दिया गया।
जिले की पहली निकाय, जहां हटाए कर्मचारी, बांकी का नंबर
- राजगढ़ ऐसी नगर पालिका है जहां शासन के निर्देशों के परिपालन में सबसे पहले कर्मचारियों को हटाया गया है।
- इसके पहले अभी तक किसी भी निकाय ने नियमविरूद्ध रखे गए कर्मचारियों को हटाने की दिशा में एक कदम भी नहीं बढाया है।
- किन अब अन्य निकायों में भी इस तरह से रखे गए कर्मचारियों पर तलवार लटक गई है।
- जानकारों की मानें तो अब जिले की अन्य 13 निकायों में भी इस तरह से नियम विरूद्ध कार्य कर रहे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाने की तैयारियां है।
- जल्द ही अन्य निकायों में भी कर्मचारियों को हटाया जा सकता है।
- राजगढ़ से कर्मचारियों को हटाने के साथ ही जिले की अन्य निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
शासन के आदेश के बाद 114 कर्मचारियों को हटाया गया है।2016 के बाद जिन कर्मचारियों को रखा गया था उन्हें हटाया गया है।
पवन अवस्थी, सीएमओ राजगढ़।