रतलाम (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रतलाम जिले के ग्राम सुराना में हिंदू-मुस्लिमों के बीच बढ़ी खाई को पाटने की कोशिशें अब तेज हो गई हैं, लेकिन इस विवाद की जड़ में छोटी शिकायतों की अनदेखी ही बड़ा कारण है। गांव में दोनों वर्ग के लोग समान रूप से मानते हैं कि चार-पांच साल में ही माहौल बिगड़ा है। इसकी बड़ी वजह है युवाओं का टोली बनाकर घूमना, रास्ते पर अतिक्रमण, अवैध गतिविधियों को संरक्षण। पुलिस अगर ठोस कार्रवाई करती तो शायद बात इतनी नहीं बिगड़ती।
मंगलवार को हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा कलेक्टर के नाम ज्ञापन देकर पलायन की चेतावनी देने के बाद हड़कंप मच गया। देर रात तक सुलह-समझाइश के दौर के बाद बुधवार सुबह कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी गौरव तिवारी ने भी चौपाल पर चर्चा कर हालात सामान्य करने पर जोर दिया। गांव में लोगों ने कई परेशानियों से अवगत कराया। शाम तक निर्माण तोड़ने की कार्रवाई भी शुरू हो गई, जो गुरुवार को भी चलेगी। गांव के हिंदू समुदाय ने कुछ लोगों द्वारा जमीन से गढ़ा धन निकालने, सोने व नोटों की बरसात कराने के नाम पर ठगी करने वालों के भी गांव में सक्रिय होने की बात कही। एसडीओपी, एसडीएम की कमेटी में गांव के ओमप्रकाश जाट, अय्यूब शाह, यूसुफ खान को लिया गया है।
अस्थायी पुलिस चौकी का प्रभार एसआइ यादव को
ग्राम सुराना में एसपी गौरव तिवारी ने अस्थायी पुलिस चौकी स्थापित की है। चौकी प्रभारी का दायित्व दीनदयाल नगर थाना पर पदस्थ कार्यवाहक एसआइ जगदीश यादव को सौंपा गया है। उनके साथ स्टेशन रोड थाना पर पदस्थ एएसआइ शिवनाथसिंह राठौर व 11 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
समझिए गांव की तासीर व माहौल को
बुजुर्गों ने बताया : गांव के 80 वर्षीय नाथूलाल जाट ने बताया कि जाट समाज यहां मारवाड़ से आकर बसा था। अब चौथी पीढ़ी आ गई है। वर्तमान सड़क निजी जमीन पर बनाई गई है, पूर्व की सड़क नालेनुमा थी जिसमें बसें भी चलती थीं। नई सड़क बनने के बाद पुरानी सड़क पर कब्जे कर दुकानें बना दी गईं। गांव में पहले सब ठीक था, लेकिन मुस्लिम समुदाय की नई पीढ़ी पर नियंत्रण नहीं है।
सुविधा व समस्या : बड़ोदिया पंचायत में आने वाले इस गांव में प्राथमिक स्कूल, धर्मशाला है। पेयजल के लिए पाइपलाइन या नल-जल योजना नहीं है। गांव में गंदगी की समस्या है। स्वास्थ्य केंद्र व पशु चिकित्सालय की मांग भी की गई है।
कामकाज खेती : गेहूं, चना की खेती प्रमुखता से होती है। अधिकांश किसान चार से पांच बीघा खेती वाले हैं। युवाओं में कुछ नौकरी तो कुछ व्यापार व खेती करते हैं।
दस रुपये की लड़ाई : अय्यूब शाह ने बताया कि बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं। बच्चे, किशोर तो हर वर्ग के चंचल होते हैं। सालभर पहले दस रुपये किराये की सवारी बस में बैठाने को लेकर जो विवाद हुआ था, उससे बात बिगड़ी। कोई पलायन नहीं करना चाहता। यहां सबकी खेती-बाड़ी है।
Posted By: Nai Dunia News Network
- #Hindu Migration from Surana Village
- #Hindu Migration from Madhya Pradesh
- #Hindu Migration from Ratlam
- #Ratlam Surana Village
- #Ratlam Surana Village People
- #Surana Village people Migration
- #Ratlam News
- #MP News
- #Madhya Pradesh News
- #रतलाम सुराना गांव
- #रतलाम समाचार
- #मध्य प्रदेश समाचार
- #सुराना गांव में हिंदुओं का पलायन
- #मध्य प्रदेश में हिंदुओं का पलायन
- #रतलाम में हिंदुओं का पलायन