MP Municipal Corporation: रतलाम (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नगरीय निकायों द्वारा निर्मित ऐसी संपत्तियां जो सालों से बिक नहीं पा रही हैं, उन्हें अब निकाय किराये पर दे सकेंगे। शासन ने इस संबंध में अचल संपत्ति का अंतरण नियम 2016 में संशोधन कर 28 मार्च को गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया है। इस संशोधन के बाद निकाय अपनी पुरानी संपत्ति किराये पर देकर आय बढ़ा सकेंगे। पुरानी संपत्ति की दर भी 15 प्रतिशत तक कम की जा सकेगी। दरअसल रतलाम सहित प्रदेश के अन्य नगर निगमों, नगर पालिकाओं, परिषदों में बड़े पैमाने पर ऐसी संपत्तियां हैं, जो बिक नहीं रही हैं। इसकी वजह कीमत अधिक होना है। ऐसे में दुकानें, शोरूम, आफिस चैंबर, फ्लैट आदि जर्जर होने लगे हैं।

तीन बार बुलाई जाएगी निविदा

शासन स्तर तक यह बात पहुंचाने के बाद अब संशोधन किया गया है। अब निकायों द्वारा निर्मित ऐसी अचल संपत्ति जो पांच प्रयासों में भी पट्टे पर या बिक्री में नहीं बेची जा सकी है तो उसे किराये पर दिया जा सकेगा। इसी तरह तीन बार निविदा बुलाने पर भी आरक्षित मूल्य पर कोई संपत्ति न बिक सके तो नगर परिषद, नगर पालिका में आयुक्त नगरीय प्रशासन व नगर निगम में राज्य सरकार की अनुमति से पंद्रह प्रतिशत तक कीमत घटाई जा सकेगी।

10 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर राज्य सरकार की अनुमति

पांच लाख से कम जनसंख्या वाले निगमों में चालीस लाख तक की संपत्ति आयुक्त, 40 लाख से दो करोड़ तक मेयर इन काउंसिल, दो करोड़ से पांच करोड़ तक नगर निगम, पांच से दस करोड़ तक आयुक्त और 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होगी। नपा परिषद के मामले में दो करोड़ रुपये तक की संपत्ति के लिए प्रेसिडेंट इन काउंसिल और दो करोड़ से पांच करोड़ तक की संपत्ति के मामले में परिषद को अनुमति होगी।

आयुक्त को दो करोड़ तक की संपत्ति बेचने का अधिकार

पांच लाख तक या अधिक आबादी वाले नगर निगम में दो करोड़ रुपये तक की संपत्ति विक्रय, पट्टे, भाड़े, दान या बंधक या विनिमय द्वारा अंतरण की अनुमति अब आयुक्त दे सकेंगे। दो से दस करोड़ तक मेयर इन काउंसिल, दस से बीस करोड़ तक नगर निगम, बीस से पचास करोड़ तक आयुक्त नगर निगम, पचास करोड़ से अधिक की संपत्ति के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होगी।

इस तरह किराये पर दी जाएगी संपत्ति

ई-निविदा में उच्चतम बोली लगाने वाले को अस्थायी आधार पर संपत्ति दस माह के लिए किराये पर दी जाएगी। किराया अनुबंध को अधिकतम तीन बार 10% की वृद्धि कर दस महीने के लिए आगे बढ़ाया जा सकेगा। फिर नए सिरे से किराये या पट्टे पर या विक्रय किया जा सकेगा। वार्षिक भाड़ा प्रथम दस वर्ष के लिए आधा प्रतिशत और उसके अगले बीस वर्ष के लिए निविदा में प्राप्त प्रीमियम के मूल्य जिस पर अनुमोदन को संपत्ति अंतरण के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृति देने पर दो प्रतिशत रहेगा।

Posted By: Prashant Pandey

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