रतलाम (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पार्श्व पद्मावती पावन धाम मंदिर परिसर रिंगनोद में बुधवार से उत्सवी माहौल में तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव की शुरुआत हुई। राजस्थान के कोटा जिले के रावतभाटा नगर की बीएससी तक शिक्षित 22 वर्षीय दिशा तिल्लानी सांसारिक जीवन का त्याग कर जैन दीक्षा ग्रहण कर साध्वी बनेंगी।
दीक्षा महोत्सव के पहले दिन सुबह भगवान के शुक्र स्तव अभिषेक हुए। उसके पश्चात मुमुक्षु के कपड़े रंगना, केसर छांटना व छाप भरने कार्यक्रम हुआ। इसमें समाजजन ने बढ़–चढ़कर हिस्सा लिया।
आचार्य चंद्ररत्न सागर सूरीश्वर, चैत्य रत्न सागर, साध्वी हेमेंद्र श्रीजी, सौम्य वंदना श्रीजी, रजिता श्रीजी, निर्मिता श्रीजी, विशुद्ध प्रज्ञा श्रीजी, रूबिता श्रीजी, परम वंदना श्रीजी आदि गुरु–भगवंत ने निश्रा प्रदान की।
आचार्य चंद्ररत्न सागर सूरीश्वर ने दीक्षार्थी दिशा के कपड़े रंगने के प्रसंग पर कहा कि सच्ची दीक्षा वेश का परिधान है, क्योंकि वेश परिधान करने के बाद दुनिया का कोई भी रंग इसे नहीं लगाया जा सकता। शाम को नवयुवक मंडल द्वारा गांव में पैदल रैली निकाली गई। 26 जनवरी को प्रातः दीक्षार्थी दिशा द्वारा साधु–साध्वी भगवंत, समाजजन की मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। 27 जनवरी को स्नात्र पूजन, दीक्षा प्रयाण वरघोड़ा, अंतिम तिलक व दीक्षा विधि होगी।
23 माह पहले बहन ने ली थी दीक्षा
तिल्लानी परिवार की बेटी इशिता तिल्लानी ने 23 माह पहले 28 फरवरी 2021 को रिंगनोद में सांसारिक जीवन के वैभव को छोड़कर साध्वी जीवन में प्रवेश किया था, वहीं पर जैन गुरु ने उनका नामकरण परम वंदना श्रीजी किया था। इशिता व दिशा के साथ अब तीसरी बेटी सिद्धिका भी वैराग्य के मार्ग पर है, हालांकि अभी उनकी दीक्षा का निर्णय नहीं हुआ है। मां प्रिया तिल्लानी गृहिणी और पिता मनीष तिल्लानी किराना व्यवसायी है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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