जावरा। अवयस्क बालिका को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले दोषी को न्यायालय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। उक्त फैसला पाक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश उषा तिवारी ने सुनाया । अभियोजन-पत्र केअनुसार
16 वर्षीय पी.डिता ने अपनी मां के साथ थाना बड़ावदा पर पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी। उसने बताया कि वह वर्ष 2013 में स्कूल में पढ़ती थी, श्यामलाल भी स्कूल में पढ़ता था, तब उसकी उससे जान-पहचान हो गई थी। तभी से आरोपित श्यामलाल शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। 23 मार्च 2018 को भी रात करीब 11 बजे आरोपित श्यामलाल मेरे घर आया व दुष्कर्म किया। जब मैंने उससे शादी करने को कहा तो उसने शादी करने से मना कर दिया। शादी का झांसा देकर उसने कई बार दुष्कर्म किया। पी.डिता ने ये बात अपने भाई व मां को बताईं। पी.डिता द्वारा बताई गई घटना पर पुलिस थाना बड़ावदा में आरोपित 25 वर्षीय श्यामलाल भील निवासी बड़ावदा के विरुद्ध धारा 376(2)(एन) एन, 376(2)(आई) एवं भादंवि की 5 (एल)/6 पाक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया। प्रकरण की विवेचना के बाद पी.डिता के कथन लिए जाकर मेडिकल करवाया गया। जिसमें पी.डिता गर्भवती होना पाई गई। पुलिस ने आरोपित श्यामलाल को दो अप्रैल 2018 को गिरफ्तार कर उसका मेडिकल भी करवाया। नौ अप्रैल 2018 को पीड़िता का गर्भपात होने से जिला चिकित्सालय रतलाम में भ्रूण को प्रिजर्व किया गया। आरोपित तथा पीड़िता का ब्लड सैंपल व अन्य मेडिकल आर्टिकलों को डीएनए टेस्ट करवाए जाने पर उक्त भ्रूण का आरोपित को जैविक पिता तथा पी.डिता को जैविक माता होना पाया गया। विवेचना उपरांत अभियोजन पत्र 27 अप्रैल 2018 को पाक्सो एक्ट की विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय में आए साक्ष्य के आधार पर पाक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश उषा तिवारी ने यह फैसला सुनाया। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजय पारस ने पैरवी की।
Posted By: Nai Dunia News Network