रतलाम। ग्राम शिवगढ़ में शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। उन्हेल निवासी पंडित शिव गुरु श्रद्धालुओं को कथा श्रवण करा रहे हैं। पांचवे दिन भगवान शिव-पार्वती का विवाह कराया गया। भगवान की बरात में बड़ी संख्या में शिव भक्त शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि शिव का दूसरा नाम करुणा है। जिंदगी का आनंद लेना है तो बच्चे बन कर ले सकते हैं, क्योंकि जिंदगी का असली आनंद बच्चे ही लेते हैं। प्रेम का मतलब होता है झुकना।अहंकार ना हो वही व्यक्ति झुक सकता है। झुकना सीखना ही सबसे बड़ी कला है। झुकने से अगर रिश्ते बनते हैं तो झुक जाना चाहिए और समय आने पर रुक भी जाना चाहिए। शीतला माता ग्रुप द्वारा लस्सी के प्रसाद का वितरण किया गया। कसेरा परिवार ने मोहन भोग का वितरण किया। जीमू राठौर परिवार ने पंचामृत का वितरण किया। 26 र्मइ को सुबह 10 बजे महाआरती का आयोजन पंडित शिव गुरु उन्हेल वालों की उपस्थिति में होगा।
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घाटे का सौदा नहीं है गोपालन
दलोट। सूर्यवंशी कुमावत समाज द्वारा राम-जानकी मंदिर की 17वीं वर्षगांठ पर आयोजित शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन पंडित दिनेश व्यास गुरुजी नीलकंठ आश्रम घटवास ने कहा कि मनुष्य को आधुनिक बनना चाहिए, लेकिन आधुनिक बनने के फेर में भारतीय संस्कृति की रक्षा हो ऐसा ध्यान रखना चाहिए। आज हम गौ माता की सिर्फ जय बोल कर इतिश्री करते हैं। गौ पालन नहीं करते। गोपालन घाटे का सौदा नहीं है। उसके दूध से सैकड़ों बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। हमें गोवंश और पौधों की सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए। वृक्षों के काटने से प्रकृति में बड़े बदलाव हमारे समक्ष संकट पैदा कर रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में कम से कम 10 पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा करनी है। गुरुजी ने युवा शक्ति को राष्ट्र की रक्षा व संस्कृति को बचाने के लिए अपने मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का आह्वान किया।
जनकल्याण के लिए तीन दिवसीय यज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें मंत्रोचार के साथ 21000 राम सहस्त्रनाम महामृत्युंजय मंत्र की आहुतियां दी गई। यज्ञ आचार्य पंडित मनोज शर्मा ने सभी यजमानों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाया। विशेष अतिथि के रूप में विधायक रामलाल मीणा ने गांव की सभी समस्याओं को दूर करने की बात कही। समापन पर कलश यात्रा व संतों की शोभायात्रा निकाली गई। इसके साथ राम-जानकी मंदिर का महोत्सव समाप्त हुआ। कक्षा 10वीं और 12वीं में 80 प्रतिशत और इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले समाज के विद्यार्थियों को गुरुजी ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद दिया। संचालन रामेश्वर कुमावत ने किया। समाज के जिलाध्यक्ष भंवरलाल कुमावत ने आभार माना।
Posted By: Nai Dunia News Network
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