रीवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विश्वविद्यालय व्यवस्था मेरे लिए नई है हालांकि सदस्य के रूप में में यह प्रयास करूंगा कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय जिसका शिक्षा के क्षेत्र में गौरवशाली इतिहास रहा है उसके शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्यार्थियों के प्लेसमेंट की बेहतर व्यवस्था हो सके, रोजगार मुखी शिक्षा पर भी विशेष जोर देने का प्रयास करूंगा। उक्त बातें नई दुनिया से बातचीत करते हुए कार्यपरिषद के मनोनीत सदस्य प्रकाश त्रिवेदी ने कही है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास दिलाने की जरूरत है कि हम बेहतर शिक्षा के साथ ही बेहतर प्लेसमेंट दें और शिक्षा भी हमारी अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए जिससे प्रदेश ही नहीं देश में विश्वविद्यालय का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिया जा सके। बता दें कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कार्य परिषद के सदस्य के तौर पर कुलाधिपति के निर्देश पर उज्जौन के रहने वाले प्रकाश त्रिवेदी को मनोनीत किया गया है आदेश राजभवन के अपर सचिव द्वारा जारी किया जा चुका है। श्री त्रिवेदी का कार्यकाल 3 वर्ष का रहेगा। इन 3 वर्षों में इसी की बैठक में विश्वविद्यालय को नए आयाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन मनोनीत सदस्य व कार्यपरिषद सदस्यों को करना प़ड़ेगा।
चुनौती ब़ड़ी, फिर भी होगा प्रयास
श्री त्रिवेदी ने कहा कि विंध्य क्षेत्र की राजधानी में स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में वर्तमान परिस्थितियों में बेहद काम करने को सकता है, शिक्षा की गुणवत्ता तथा प्लेसमेंट के साथ ही भौगोलिक दृष्टिकोण पर भी चुनौती भरा है, कारण यह है कि प़ड़ोसी प्रदेश में 123 किलोमीटर दूर प्रयागराज के इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, बनारस की बीएचयू, जबलपुर की रानी दुर्गावती उच्च विद्यालय के केंद्र बिंदु पर या विश्वविद्यालय स्थित है लिहाजा हमें विद्यार्थियों मेरा विश्वास दिलाने की आवश्यकता प़ड़ेगी कि हम उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा एवं प्लेसमेंट दिलाने में कामयाब होंगे।
अब तक के सफर पर एक नजर
प्रकाश त्रिवेदी मूलतः छतरपुर के रहने वाले हैं। उनकी स्कूल व उधा शिक्षा प्राप्त उज्जौन इंदौर भोपाल में हुई है उन्होंने न केवल उज्जौन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं बल्कि वह पश्चिम मध्य रेलवे के सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस संबंध में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार आचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय व्यवस्था में कार्य परिषद का विशेष योगदान होता है, कार्यपरिषद के सदस्य की सोच और किए गए प्रयास के बदौलत विश्वविद्यालय का संचालन किया जाता है अच्छे सदस्य जब भी आमंत्रित किए जाते हैं उसका प्रभाव दूरगामी देखने को मिलता है। जल्दी इसी बैठक का आयोजन किया जाना है उक्त बैठक में सभी नए मनोनीत सदस्यों से मुलाकात होगी।
Posted By: Nai Dunia News Network