
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। शहर के सबसे आकर्षक और मॉडल प्रोजेक्ट कहे जाने वाले संतोषी माता तालाब की तस्वीर अब प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। करीब 8.18 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत तैयार किए गए इस तालाब परिसर में खुलेआम गांजे के हरे-भरे पौधे लहलहा रहे हैं, लेकिन नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रबंधन की नजर इस पर नहीं पड़ी।
आश्चर्य की बात यह है कि कुछ ही दिन पहले छठ पूजा के मौके पर इस तालाब परिसर में नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे, जिन्होंने तालाब की सुंदरता की जमकर तारीफ की और वहां तस्वीरें भी खिंचवाईं। मगर इतने बड़े आयोजन के बाद भी गांजा के पौधे किसी की नजर में नहीं आए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तालाब के आसपास गांजे के तीन बड़े पौधे पिछले कई दिनों से दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग मौन है। लोग चुटकी लेते हुए कह रहे हैं कि 'अगर गांजा की फूंक मारनी है, तो तालाब चले जाइए' क्योंकि अब यह तालाब घूमने या पूजा के लिए नहीं, बल्कि नशे के अड्डे की तरह नजर आ रहा है।
एक ओर पुलिस प्रशासन पूरे जिले में 'ऑपरेशन प्रहार 2.0' के तहत नशे के खिलाफ अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर शहर के बीचोंबीच बने इस सार्वजनिक स्थल पर गांजा का उगना प्रशासनिक लापरवाही की जीती-जागती मिसाल बन गया है।