सीहोर। शुक्रवार को मंडी में लहसुन-प्याज किसान दिन भर परेशान होते रहे। अपनी उपज बेचने के लिए किसानों को मंडी सचिव, तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर से गुहार लगानी पड़ी इसके बाद भी जो निलामी सुबह 11 बजे शुरू होनी थी। वह दोपहर 3.30 बजे के बाद शुरु हुई। किसानों ने जब इसका कारण व्यापारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हमारी आइडी मंडी प्रशासन ने बंद कर दी है। वहीं मंडी के कर्मचारियों का कहना था कि व्यापारियों ने टैक्स जमा नहीं किया है। जिसके चलते उनकी आइडी लाक की गई है। इस पर किसानों ने कहा कि यदि एसो करना था तो पहले इसकी सूचना हमें तो देनी थी। जिससे हमें परेशानी नहीं होती। किसानों ने फिलहाल मंडी शुरू करने को लेकर भी गुहार लगाई, लेकिन प्रबंधन ने एक न सुनी। आखिर एसडीएम की दखल के बाद शुरू की गई नीलामी दोपहर 3.30 के बाद शुरू हुई और किसानों को राहत मिली।

किसान स्वराज संगठन के जिला अध्यक्ष विनय सिंह दांगी ने बताया कि लहसून-प्याज की नीलामी रोज सुबह 11 बजे शुरू होती है। जिसमें दूर-दराज के गांवों से भी किसान अपनी उपज बेचने आते हैं। जो इतनी सर्दी में सुबह 5-6 बजे से अपनी उपज लेकर आ जाते हैं। शुक्रवार को भी करीब 189 किसान अपनी उपज लेकर आए थे। जो सुबह 11 बजे तक इंतजार करते रहे कि शायद नीलामी होगी, लेकिन 11 बजे नीलामी शुरू नहीं हुई। इसके बाद कुछ देर उन्होंने इंतजार किया, लेकिन नीलामी शुरू नहीं हुई आखिरकार किसान व्यापारियों के पास पहुंचे और नीमाली शुरू करने को कहा। इस पर व्यापारियों ने बताया कि उनकी आइडी लाक है जिसके चलते में खरीदी नहीं कर सकते। किसानों ने इस बारे में जब मंडी प्रबंधन से बात की तो उन्होंने बताया कि व्यापारियों ने अपना टैक्स जमा नहीं किया है। जो सालाना उन्हें जमा करना होता है। इससे मंडी को नुकसान हो रहा है। जिसके चलते उनकी आइडी लाक की गई है। जब व्यापारी टैक्स जमा कर देंगे तब उनकी आइडी अनलाक की जाएगी और इसके बाद ही वे खरीदी कर सकेंगे। किसानों ने कहा कि इसकी सूचना उन्हें पहले क्यों नहीं दी गई और उन्होंने मंडी प्रबंधन का विरोध भी किया, लेकिन प्रबंधन ने खरीदी शुरू नहीं करवाई। आखिरकार व्यापारियों ने इसकी शिकायत एसडीएम और कलेक्टर से की। कुछ देर बाद मौके पर एसडीएम ब्रजेश सक्सेना पहुंचे। उन्होंने मंडी प्रबंधन से नीलामी शुरू करवाई और व्यापारियों को भी टैक्स जमा करने को कहा। इस पर मंडी व्यापारियों ने कहा कि टैक्स जमा करने में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन मंडी प्रशासन हमसे हर साल असिस्मेंट मांग रहा है। जबकि हम हर 15 दिन में उन्हें विवरण दे रहे हैं। यह सिर्फ हमें परेशान करने के लिए किया जा रहा है। प्रदेश की किसी मंडी में सालाना विवरण नहीं लिया जाता है। गल्ला व्यापारियों से इस तरह का विवरण लिया जाता है। इसको लेकर व्यापारियों, मंडी प्रबंधन और एसडीएम के बीच एक बैठक का आयोजन शुक्रवार को ही देर शाम किया जाना था। जिसमें असिस्मेंट को लेकर चर्चा की जाएगी।

हम सुबह से अपनी उपज लेकर आए थे, जिसकी नीलामी नहीं की जा रही थी। हम दिन भर परेशान होते रहे। इसके बाद कलेक्टर को शिकायत की तो उन्होंने एसडीएम को भेजा। इसके बाद खरीदी शुरू हुई।

पवन मालवीय, निवासी ग्राम रायपुरा

मंडी को यदि व्यापारियों की आइडी लाक करनी थी तो इसकी सूचना हमें पहले से दे देते। हम दिन भर परेशान नहीं होते। यह प्रबंधन की लापरवाही है जिसके कारण किसानों को परेशानी होती है।

अमृत सिंह चंद्रवंशी, निवासी ग्राम करणखेड़ा

पारदर्शिता के लिए सालाना विवरण लिया जा रहा है। इसके लिए हम बार-बार व्यापारियों को कह चुके हैं, लेकिन वे नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते कार्रवाई की गई।

जगदीश परमार, मंडी सचिव कृषि उपज मंडी सीहोर

Posted By: Nai Dunia News Network

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