Shooting: सिवनी, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रतिभा किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती। ऐसा ही कारनामा आदिवासी बाहुल्य विकासखंड कुरई उत्कृष्ट स्कूल में अध्ययनरत छात्र हेमंत बर्मन ने कर दिखाया है। कोच व पेशेवर शूटर से प्रशिक्षण लिए बगैर कक्षा 9वीं के छात्र हेमंत बर्मन ने अपने बड़े भाई अंतरिक्ष बर्मन व मामा निर्भय बरमैया की मदद से घर पर शूटिंग (निशाना लगाना) के अभ्यास किया। घर के आंगन में बांस के खंबे पर कागज में निशान अथवा दस के सिक्का रखकर निशाना लगाने का अभ्यास हेमंत करता था। हाल ही में भोपाल शूटिंग अकादमी की चयन स्पर्धा में हेमंत ने प्रथम स्थान हासिल कर बोर्डिंग सीट में अपनी जगह बनाई है।

पहली बार जिले से हुआ चयन

तीन चरणों की चयन स्पर्धा में सफल होकर सिवनी के छात्र हेमंत बर्मन ने 10 मीटर चयन स्पर्धा में सर्वाधिक 193.2 अंक प्राप्त किए हैं। 24 मई को चयन स्पर्धा का नतीजा घोषित किया गया।यह पहला अवसर है जब जिले के किसी छात्र का चयन अंतरराष्ट्रीय स्तर की भोपाल शूटिंग अकादमी में हुआ है। छात्र के चयन से हेमंत के स्वजनों में खुशी का माहौल है।वहीं खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छात्र ने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सिवनी गौरांवित है।सभी ने मप्र राज्य शूटिंग अकादमी भोपाल में रहकर भारत देश के लिए पदक जीतने के साथ छात्र के उज्जवल भविष्य की कामना की है।

पहली बार हाथों में थामी ओलंपिक रायफल, साधा निशाना

चयनित छात्र के मामा निर्भर बरमैया ने नईदुनिया को बताया कि शूटिंग प्रशिक्षण के लिए टारगेट पेपर लाना काफी महंगा साबित होता है।छिंदवाड़ा से लाई गई सामान्य एयर रायफल के जरिए घर के आंगन में बांस के खंबे पर कागज का निशान लगाने के साथ ही दस का सिक्का रखकर हेमंत शूटिंग का अभ्यास करता था। छह माह के अभ्यास में छात्र ने सफलता हासिल की है।हेमंत ने बताया कि वह हर दिन करीब दो घंटे रायफल से शूटिंग से निशाना साधने का प्रयास करता था। 9 मई को जिला स्तर पर चयन स्पर्धा में शामिल होने के बाद भोपाल में उसने दो चरणों में शूटिंग चयन स्पर्धा में हिस्सा लिया। इस दौरान पहली बार उसने ओलंपिक रायफल से सटिक निशाना साधकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है।

Posted By: Rahul Raikwar

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