सिवनी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। गुरू की अनुकंपा जिस पर होती है, उसके लिए कोई कार्य कठिन नहीं होता। शिष्य हमेशा गुरू के पदचिंहों पर चला करता है। शिष्य गुरू की हर बात को मानता है। वह गुरू के दोष को नहीं देखता और इसकी का परिणाम है कि गुरू की कृपा अनुकंपा के रूप में सदा शिष्य के साथ हुआ करती है। यह बात दिगंबर जैन मंदिर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री आदित्यसागर महाराज ने कही।

उन्होंने कहा कि गुरू उस वैद्य के समान है जो शिष्य रूपी रोगी का इलाज करते है। ऐसे अनेक उदाहरण है जिसमें हम गुरू द्वारा शिष्य पर कृपा किए जाने के उदाहरण देखते है। इस अवसर पर मुनिश्री सहज सागर ने कहा कि मनुष्य में अनेक प्रकार अतरिक शक्ति हुआ करती है। इन आंतरिक शक्ति का विकास तभी होता है जब गुरू की प्रेरणा मिलती है। गुरू की प्रेरणा शुभ कर्मों से प्राप्त होती है। अशुभ कर्म करने वाले लोगों को इससे वंचित रहना पड़ता है। गुरू उस अगरबत्ती के समान है जिसकी खुश्बू से पूरा क्षेत्र मेहक जाता है। जबकि अशुभ कर्म के कारण खुशबू के बाबजूद भी वह क्षेत्र खुशबू से नही मेहक पाता इस अवसर पर कार्यक्रम संचालन पारस जैन ने किया।

जिले में 453.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज

सिवनी। जिले के कुल 8 विकासखंडों में एक जून से 31 जुलाई तक 453.6 एक जून से 31 जुलाई तक औसत वर्षा दर्ज हुई है। जिसमें विकासखण्ड सिवनी में 557.7 मिमी, कुरई में 518.0 मिमी, बरघाट में 617.9 मिमी, केवलारी में 509.0 मिमी, छपारा में 317.9 मिमी, लखनादौन में 355.7 मिमी, धनौरा में 373.6 मिमी, घंसौर में 379.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इस प्रकार इस वर्ष कुल 3628.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई जो कि विगत वर्ष इस अवधि में दर्ज की गई 4235.0 कुल वर्षा से 606.2 मिमी कम है।

Posted By: Nai Dunia News Network

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