शहडोल (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एक ओर जहां नवजातों की मौत हो रही है वहीं दूसरी जिला अस्पताल में मानवता को शर्मशार कर देने वाला एक और मामला सामने आया है। बीती रात एक तीन वर्षीय मासूम की मौत एंबुलेंस की चपेट में आने से हो गई। शुक्रवार की सुबह जब स्वजन शव लेकर पीएम करान जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने कागजी कार्यवाही पूरी करते हुए पीएम के लिए शव दोबारा स्वजनों को सौंप दिया। लाचार स्वजन शव को बाइक में रखकर पीएम कराने के लिए शव परीक्षण गृह लेकर चले गए। स्वजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि शहडोल के एफसीआई गोदाम के पास रहने वाले शेर सिंह अमझोर में किराना का व्यवसाय करते हैं। वे पिछले दो तीन माह से अमझोर में ही रहकर कपड़े का व्यवसाय कर रहे थे। गुरुवार की रात 8 बजे के लगभग दुकान बंदकर करके वे लोग घर के अंदर गए तभी उनकी 3 वर्षीय बेटी माही सिंह खेलते हुए सड़क पर आ गई। इस दौरान वह सामने से तेज गति चली आ रही एंबुलेंस को नहीं देख पाई और उसकी चपेट में गई। स्वजनों ने बताया कि यह टक्कर इतना तेज था कि मौके पर ही माही सिंह की मौत हो गई। घटना के बाद एंबुलेंस चालक वाहन लेकर मौके से फरार हो गया।
रात भर घर में रखे रह गए शव
स्वजनों ने बताया कि जब रात में डॉक्टरों ने माही को मृत घोषित कर दिया तो उसे रात भर अपने शहडोल स्थित घर में रखे रहे। सुबह शव का पीएम कराने उसे जिला अस्पताल लेकर आया गया था। डॉक्टर और पुलिस ने तहरीर कायम करते हुए पीएम कराने का निर्देश दे तो दिया लेकिन शव को ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई। स्वजनों ने शव को बाइक में उठाया और परीक्षण गृह की ओर लेकर चले गए।
पिता ने कहा एंबुलेंस तो ही नहीं मिल रही
पिता शेर सिंह ने बताया कि दुकान बंद करके मैं शहडोल वापस आ गया था। माही अपनी मां के साथ अमझोर में थी। जिस एंबुलेंस से यह हादसा हुआ उसकी जानकारी अब तक हम लोगों को नहीं मिल सकी है। पिता ने कहा कि हम लोग रात में भी एंबुलेंस की तलाश कर रहे थे और बच्ची के नहीं रहने पर भी एंबुलेंस की तलाश हो रही है।
इनका कहना है
इस बात की जानकारी नहीं थी। स्वजन स्वेच्छा से शव बाइक में रखकर ले गए होंगे। ऐसी स्थिति में हम शव वाहन सभी को उपब्ध करवाते हैं। फिर भी दिखवाते हैं क्या मामला है।
डॉ वीएस वारिया
सीएस, जिला अस्पताल शहडोल
Posted By: Nai Dunia News Network
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