Shahdol News:जिले के ग्राम कठौतिया की जिस बच्ची के शरीर को गर्म सलाखों से दागने के बाद दो दिन पहले उपचार के दौरान मेडिकल कालेज में मौत हो गई थी, उसके शव को शुक्रवार को जमीन से बाहर निकला गया। मौत के कारण पर सवाल उठने पर यह प्रक्रिया की जा रही है, ताकि मासूम की मौत का सही कारणों का पता लग सके। मालूम हो कि जिले में अंधविश्वास के कारण किसी बिमारी से बचाव के लिए बच्चों की गर्म सलाखो से दागने की कुप्रथा एक लंबे समय से चली आ रही है ।
इलाज के लिए मासूम को 51 बार गर्म सलाखों से दागा गया
ऐसे मामले प्रकाश में आते रहते है। बीते दिनों ऐसा ही ग्राम कठौतिया में सामने आया। अंधविश्वास के चलते इलाज के नाम तीन माह की दूध मुही मासूम बच्ची को 51 बार गर्म सलाखों से दागा गया। जब मासूम की तबियत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे उपचार के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया,जिसने बुधवार को दम तोड़ दिया था। अब यह सवाल उठ रहे थे कि दागने की इस कुप्रथा ने एक बार फिर मासूम की जान ले ली।
निमोनिया या दागने से हुई मौत?
मासूम की मौत के बाद के बाद उसके सही कारण की लेकर यही कहा जा रहा था कि आखिर एक मासूम कैसे गर्म सलाखों के दर्द को सह पाती। इसी दर्द के कारण वह निमोनिया की चपेट आई और फिर उसने प्राण त्याग दिए। अब सवालों के उठने के बाद मासूम के दो दिन पहले दफना दिए गए शव को जमीने से बाहर निकाला जा रहा है। वहीं, प्रशासन के आला अधिकारी बच्ची की मौत का कारण निमोनिया का बिगड़ जाना बता रहे थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
शनिवार को उसका पोस्टमार्टम कराया जाएगा। ताकि मौत का सही कारणो का पता लगाया जा सके।कलेक्टर वंदना वैद्य ने कहा कि सवाल उठने के बाद अब शव का पीएम कराकर मौत का वास्तविक कारणों का पता लगाया जाएगा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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