शाजापुर। कोतवाली थाने के मालखाने से चोरी के मामले में बरामद लाखों रुपए कीमत के सोने-चांदी के जेवर गायब होने के मामले में करीब आधा दर्जन टीआई जांच कर रहे हैं। हालांकि यह पड़ताल अघोषित और अनौपचारिक रुप से हो रही है।
दरअसल इस मामले में न्यायालय ने कोतवाली थाने में वर्ष 2016 से अब तक पदस्थ रहे टीआई और मालखाना प्रभारियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय के निर्देश से 11 टीआई सहित कई पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज होने की तलवार लटक गई है। ऐसे में एफआईआर की जद में आ रहे 11 टीआई में से करीब आधा दर्जन टीआई सक्रिय हुए हैं और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
जानकारी अनुसार कोतवाली थाने में पूर्व के वर्षों में पदस्थ रहे कुछ टीआई शाजापुर भी पहुंचे थे। जिनमें मामले में एसपी जगदीश डावर ने लंबी चर्चा की। वहीं टीआई साहबान ने मामले से जुड़े पुलिसकर्मियों से भी लंबी चर्चा कर पूरे मामले को समझा।
सूत्रों का कहना है कि एफआईआर की जद में आ रहे टीआई किसी भी तरह से मालखाने से सोना-चांदी गायब करने वाली खाकीधारी तक पहुंचना चाह रहे हैं। इसके लिए वह अपने अनुभव, संबंध और सूत्रों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल यह मामला पुलिस महकमे के लिए तनाव का सबब बना हुआ है।
और भी मामलों में बड़ी गड़बड़ी
चोरी के आरोपित से बरामद लाखों रुपए के सोने-चांदी के जेवर कोतवाली थाने के मालखाने से गायब होने के बड़े और गंभीर मामले के अलावा और भी कुछ ऐसे मामले हैं। जो पुलिस अधिकारी-कर्मचारी और महकमें की मुसीबत बड़ा सकते हैं। हालांकि कुछ मामलों को अधिकारियों ने समय रहते संभाल लिया।
सूत्रों का कहना है कि टीआई और वरिष्ठ अफसरों द्वारा मातहत अमले को ही सर्वेसर्वा बनाने और अपनी जिम्मेदारी के काम भी उन पर छोड़ने से यह स्थिति बन रही हैं। कुछ मामलों में हालत तो यह भी है कि गंभीर मामलों की पड़ताल में जांच अधिकारी वरिष्ठ अफसर रहते हैं और पूरी कार्रवाई मातहत करते हैं। अफसर सिर्फ हस्ताक्षर करने की जहमत उठा रहे हैं। हालांकि सोना-चांदी गायब होने के मामले के बाद अब स्थिति में सुधार की संभावना है।
यह है मामला
कोतवाली थाना क्षेत्र में वर्ष 2015 में कर सलाहकार रमणलाल सोनी के यहां करीब एक करोड़ की चोरी हुई थी। भोपाल क्राइम ब्रांच की बदौलत शहर की इस बड़ी चोरी का खुलासा पुलिस कर पाई थी। क्राइम ब्रांच भोपाल ने वर्ष 2016 में शाजापुर निवासी शमसुद्दीन पुत्र गुलाब खां उम्र 45 साल को
पकड़ा था। इसने शाजापुर की इस बड़ी वारदात को अंजान देना कबूला था। इसके बाद शाजापुर पुलिस ने आरोपित को कब्जे में लिया और चोरी गए लाखों रुपए के सोने-चांदी के आभूषण जब्त किए थे। जिन्हें कोतवाली पुलिस ने अपने कब्जे में थाने के मालखाने में रखा था। इसमें से कई आभूषण गायब हो गए हैं। जिसे पर 30 जुलाई को शाजापुर न्यायालय ने माल जब्त होने के वर्ष 2016 से अब तक कोतवाली थाने में पदस्थ टीआई और मालखाना प्रभारियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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