शाजापुर। कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से मध्य प्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संगम संकुल स्तरीय संगठन ग्राम अभयपुर द्वारा संचालित सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र में तीन दिवसीय नर्सरी प्रबंधन पर स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बताया गया कि कैसे बीज से पौधे व पौधों से सब्जियों उत्पादित की जा सकती है। जैविक पद्धति से उत्पादित पौधे व सब्जियों से बेहतर आमदनी भी प्राप्त की जा सकती है।
प्रशिक्षण के दौरान केंद्र के प्रमुख डॉ. जीआर अंबाबतिया द्वारा ग्रामीण महिलाओं को कृषि से संबंधित उन्नात तकनीकों को अपनाने तथा स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य संबंधित कार्यों को वैज्ञानिक तकनीकी अपनाकर किया जाए तो आर्थिक लाभ प्राप्त किया जाए विषय पर मार्गदर्शन दिया गया।
नर्सरी अवस्था में पौधों की देखभाल की दी जानकारी
केंद्र की वैज्ञानिक डा. गायत्री वर्मा रावल द्वारा महिलाओं को नर्सरी प्रबंधन से संबंधित उन्नात तकनीकी अंतर्गत सब्जियों के उन्नात किस्म के पौधों को तैयार करने के लिए वैज्ञानिक प्रविधि अनुसार कोको पीट का इस्तेमाल करते हुए पोट्रे में पौधे तैयार करने संबंधी विस्तृत प्रशिक्षण प्रायोगिक माध्यम से दिया गया। साथ ही महिलाओं को अन्य पौधों की नर्सरी तैयार करने के लिए विभिन्ना प्रविधि अंतर्गत पौधशाला के लिए स्थान का चुनाव भूमि की तैयारी, बीज रोपण तथा पौधरोपण के लिए ध्यान रखने योग्य बातें तथा नर्सरी अवस्था में पौधों की देखभाल एवं रोग से बचाव के लिए घरेलू जैविक नियंत्रण विधि अंतर्गत अपनी नीम अस्त्र, ब्रह्मास्त्र, जीवामृत, घन जीवामृत तथा गोमूत्र का उपयोग करते हुए स्वस्थ एवं निरोगी पौधशाला तैयार करने के लिए मार्गदर्शन दिया।
पौधे तैयार करने के बताए तरीके
प्रशिक्षण के दौरान ऊंची उठी हुई क्यारियों में पौधे तैयार करना, पॉलिथीन बैग में पौध तैयार करना एवं कोको पीट के माध्यम से पोट्रे में पौधे तैयार करना संबंधी विधियों का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया।
सिंचाई के तरीके व रोग प्रबंधन बताया
कृषि वैज्ञानिक डा. एसएस धाकड़ द्वारा महिलाओं को पौधशाला तैयार करते समय उचित जल प्रबंधन एवं सिंचाई के विभिन्ना माध्यमों से अवगत कराया गया। कृषि वैज्ञानिक डा. मुकेश सिंह द्वारा नर्सरी अवस्था में पौधों में लगने वाले विभिन्ना रोगों के उपचार के लिए विस्तृत जानकारी प्रदाय की गई। जिला प्रबंधक कृषि सुषमा परमार द्वारा बताया गया कि नर्सरी संचालन के कार्य से जुड़ी स्व सहायता समूह महिलाओं को नर्सरी प्रबंधन कर कैसे अपनी आथिक स्थिति कैसे बदलाव ला सकती है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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