शिवपुरी, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में कठमई गांव की एक नाबालिक को बेचने का सौदा उसकी खुद की मां और सौतेले पिता ने कर दिया। इस बात की भनक जब नाबालिक को लगी तो वह भागकर अपने जीजा के यहां पहुंच गई। यहां से उसके जीजा ने एक संस्था से संपर्क किया और पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचकर अपनी पीड़ा सुनाई।
पीडिता के अनुसार वह अपनी मां इमरती बाई और सौतेले पिता सीताराम जाटव के साथ कठमई गांव में रहती है। सीताराम और इमरती अपने दामाद देवेंद्र के साथ मिलकर मेरी जबरन शादी तय कर दी। मुझे पता चला कि यह शादी उन्होंने रुपयों के बदले में की है और आधे रुपये एडवांस भी ले लिए हैं। मैं दूसरे समाज के आदमी से बिना मर्जी शादी नहीं करना चाहती थी। जब विरोध किया तो सीताराम ने मुझे घर में बंद कर दिया और पैर काटने की धमकी दी। मेरी मां भी उसका ही साथ देती थी। इसके बाद एक दिन मौका पाकर मैं घाटीगांव में अपने जीजा के पास भाग गई। यहां से जीजा ने सहरिया विकास परिषद मध्य प्रदेश के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद बरोदिया को सूचना दी तो वह तत्काल शिवपुरी पहुंच गए और उनके साथ संभाग अध्यक्ष राजेंद्र मानव, ग्वालियर जिला अध्यक्ष करतार सिंह, प्रदेश महासचिव शिशुपाल आदिवासी, जिला कार्यकारी अध्यक्ष अनिल जबरोलिया वा जिलाध्यक्ष जगराम पटेल सहित आधा सैकड़ा सहरिया विकास परिषद के लोगों ने एसपी को ज्ञापन देते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग रखी। एसपी के निर्देश के बाद कोतवाली में नाबालिग के बयान रिकॉर्ड किए गए जिसके बाद नाबालिग को उसके मौसा की सुपुर्दगी में दिए जाने की कार्रवाई चल रही थी। नाबालिग का असली पिता भी जिंदा हैं और अब वह अपने पिता के साथ रहना चाहती है।
दो महीने पहले ही झारखंड की पांच युवतियों का हुआ था सौदाः करीब दो महीने पूर्व झारखंड की पांच युवतियां शिवपुरी आकर लापता हो गई थीं। रोजगार दिलाने के बहाने आरोपित एक महिला दलाल के साथ मिलकर उन पांच युवतियों को नवंबर 2021 में शिवपुरी लेकर आया था। इसके बाद अंडमान-निकोबार से एक आश्रम का कार्यकर्ता युवतियों को तलाशता हुआ यहां आया था। पुलिस ने जब इस मामले का खुलासा किया तो पता चला कि इन युवतियों को बेच दिया गया था। यह पहला मामला नहीं है जब शिवपुरी में बाहर की लड़कियों को लाकर बेचा गया हो। इसके पहले छत्तीसगढ़, उड़ीसा आदि जगह से कई आदिवासी व जनजातीय समाज की महिलाओं की खरीद-फरोख्त के मामले सामने आ चुके हैं।
पोहरी-बैराड़ में सबसे ज्यादा मामलेः पोहरी और बैराड़ में युवतियों को खरीदने के संबंधित कई मामले सामने आते हैं। यहां पर धड़ीचा प्रथा के नाम पर स्टांप पर शादी करने के भी कई मामले सामने आए हैं। तीन महीने पूर्व ही एक युवक एसपी ऑफिस शिकायत लेकर पहुंचा था कि वह 60 हजार रुपये में पत्नी खरीदकर लाया था, लेकिन वह दो महीने में ही दलाल के साथ वापस जाकर रहने लगी। इसके अलावा गत वर्ष ही एक मामला आया था जिसमें दिल्ली में कर्ज हो जाने पर वहां की महिला ने अपनी बेटी बैराड़ के डाबरपुरा गांव के एक व्यक्ति के साथ भेज दी थी। यहां युवक ने उसे बंधुआ बना लिया था।
धड़ीचा के नाम पर स्टांप पर होता है सौदाः यहां पिछड़े समुदायों में धड़ीचा प्रथा का चलन सामने आता है जिसमें महिलाएं इंसान न होकर कोई वस्तु हो जाती हैं। आदमी एक साल या तय समय के लिए स्टांप पर एग्रीमेंट कर उनसे शादी करता है। एग्रीमेंट पूरा होने के बाद महिला वापस चली जाती है और किसी और व्यक्ति के साथ रहने लगती है। इसके अलावा जिले में लिंगानुपात बहुत कम होने के कारण पिछड़े क्षेत्रों में दुल्हन खरीदकर लाने जैसी कुप्रथा भी बढ़ने लगी है।
वर्जन-
लड़की ने बताया कि उसका सौतेला पिता और मां मिलकर जबरन शादी करना चाह रहे थे। लड़की शादी नहीं करना चाहती थी तो वह अपने जीजा के पास चली गई थी। मामले की जानकारी आ गई है और इसकी जांच करा रहे हैं।
राजेश सिंह चंदेल, एसपी
Posted By: Nai Dunia News Network
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