Shivpuri News: शिवपुरी.नईदुनिया प्रतिनिधि। टेंटरा थानांतर्गत चंबल नदी में हादसे का शिकार हुए सभी श्रद्धालु तेंदुआ थाना क्षेत्र के ग्राम चिलावदा के रहने वाले थे। जो श्रद्धालु पानी में डूबे हैं और फिलहाल लापता हैं, वह सभी एक ही परिवार के सदस्य और उनके रिश्तेदार हैं। चंबल नदी में समाए श्रद्धालुओं के स्वजनों से जब बात की गई तो निकल कर आया कि जो लोग कैलादेवी पद यात्रा कर जा रहे थे उनमें कुछ लोग तो ऐसे थे जो मन्नत पूरी होने पर मां के दर्शन करने जा रहे थे। वहीं कुछ लोग ऐसे थे जो अपने मन में मुराद लेकर मां से अर्जी लगाने के लिए रवाना हुए थे। चंबल नदी में देर रात तक 25 किलोमीटर तक सर्चिंग चलती रही। सफलता नहीं मिलने पर दिल्ली से एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया है, तड़के से एनडीआरफ की टीम भी रेस्क्यू शुरू करेगी। अभी तक दो ही शव मिले हैं, पांच की तलाश जारी है।

भाई के बेटा होने की मन्नत को पूरा करने जा रहा था कल्लो

नईदुनिया को चिलावदा में मौजूद कुशवाह परिवार के सदस्यों ने बताया कि कल्लो कुशवाह ने मां से मन्नत मांगी थी कि उसके भाई के यहां बेटा हो जाए तो वह कैला माता मंदिर तक पद यात्रा कर मां के दर्शन करेगी। महिलाओं के अनुसार कल्लो के भाई के यहां बेटा हो गया था, इसी के चलते वह मन्नत पूरी होने पर मां के दर्शन करने के लिए अपने पति के साथ मां के दरबार तक पद यात्रा कर जा रही थी। जब यह बात गांव में उसके अन्य स्वजनों को पता लगी कि देवी मां ने कल्लो की मुराद पूरी कर दी है तो उसके जेठ देवकीनंदन और सास अलोपा ने भी बेटे दीपक व बहू रुक्मणि के साथ मन में पोते की मुराद लेकर मां के दरबार तक पद यात्रा करने का प्रण ले लिया। परिवार की महिला सदस्यों ने बताया कि दीपक और रुक्मणि की शादी को कई साल हो गए थे लेकिन उसके यहां कोई बच्चा नहीं था।

बहू की गोद भरने की मन्नत मांगने जा रहा था देवकीनंदन

देवकीनंदन के सगे छोटे भाई सेवक कुशवाह के बेटे सुनील की शादी पिछले साल ही रश्मि से हुई थी। बहू की गोदी भरने की मुराद मन में लेकर सेवक की पत्नी संतरा अपने बेटे सुनील व बहू रश्मि को साथ लेकर मां के दरबार तक पद यात्रा कर रही थी। पीड़ित परिवार के सदस्यों की मानें हर साल उनके गांव सहित पूरे क्षेत्र से सैकड़ों श्रद्धालुओं के जत्थे मां की पद यात्रा करते हैं। यह बात जब उनके परिवार के सदस्यों को पता लगी कि मां की पद यात्रा करने से मां मुराद पूरी करती है तो पहली बार पूरा कुटुंब एक साथ मां के दर्शन के लिए पद यात्रा करने के लिए गया था। घटना के समय दादा के कंधे पर था लवकुश श्रद्धालुओं के इस जत्थे में शामिल सबसे छोटा सदस्य 10 साल का लवकुश था। गांव वालों ने बताया कि लवकुश को उसके दादा देवकीनंदन बाल हठ के चलते प्यार से ले गए थे। बताया जा रहा है कि जिस समय यह पूरा घटनाक्रम घटित हुआ लवकुश अपने दादा-दादी के साथ था और उनके कंधे पर बैठा हुआ था।

उड़ाई मगरमच्छ की अफवाह रुका रेस्क्यू अभियान

डूबे हुए ग्रामीणों की तलाश में जब गोताखोर व ग्रामीण गहरे पानी में संघर्ष कर रहे थे, इसी दौरान किसी ने अफवाह उड़ा दी कि, इस पानी में मगरमच्छ हैं। पदयात्रियों पर भी मगरमच्छ ने हमला किया, जिस कारण यह हादसा हुआ है। अफवाह यहां तक उड़ाई कि जिनके शव मिले हैं उनके शरीर पर मगरमच्छ के हमले के निशान हैं। इस अफवाह के कारण रेस्क्यू अभियान चला रहे लोग सहम गए और कुछ देर तक लोगों को खोजने का काम भी प्रभावित हो गया। घटना स्थल पर सबलगढ़ एसडीएम मेघा तिवारी, एसडीओपी गुरुवचन सिंह, तहसीलदार कल्पना शर्मा तैनात रहीं। दोपहर में संभाग आयुक्त दीपक सिंह, आईजी सुशांत सक्सेना, कलेक्टर अंकित अस्थाना, एसपी आशुतोष बागरी और विजयपुर के पूर्व विधायक रामनिवास रावत भी मौके पर पहुंचे। हर साल गांव से जाते हैं जत्थे, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर इस ह्दय विदारक घटनाक्रम के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। इसके अलावा शिवपुरी से रवाना हुए हजारों श्रद्धालुओं के सैकड़ों जत्थों के स्वजनों की भी चिंता बढ़ गई। सभी अपने-अपने स्वजनों को फोन कर उनकी कुशलक्षेम लेते हुए देखे गए। वहीं पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों और गांव वाले भी घटना स्थल की ओर रवाना हो गए।

प्रशासन के पैरों में पीड़ित परिवार

इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी लगने के बाद कोलारस एसडीएम बृजबिहारी श्रीवास्तव और एसडीओपी विजय यादव प्रशासन की ओर से चिलावदा गांव पहुंचे। एसडीएम को देखते ही पीड़ित परिवार का एक सदस्य उनके पैरों में गिर गया। वह अपने स्वजनों को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाने लगा जिसके बाद एसडीएम और एसडीओपी ने जमीन पर बैठकर उसे ढांढस बंधाया और कहा कि आप अभी हताश न हों। सरकारी अमला लापता लोगों की तलाश कर रहा है, वह जल्द ही सुरक्षित मिल जाएंगे। हालांकि जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था पीड़ित परिवार के सदस्यों को लापता लोगों के सुरक्षित मिलने की आस भी धुंधली होती जा रही थी।

दो आदमी मिले उन्होंने मना नहीं की, बोला हम निकलवा देंगे : पीड़ित

इस हादसे में सुरक्षित बचे चिलावत गांव निवासी दीपक कुशवाह ने बताया कि हमें घाट पर दो व्यक्ति मिले, जिनसे पूछा तो बोले कि पैदल पार कर जाओगे, उन्होंने भी मना नहीं किया कि पानी गहरा है। ग्रामीण के अनुसार इन दोनों व्यक्तियों ने कहा कि वह नदी पार करवा देंगे, इसके बाद सभी 17 लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नदी पार करने लगे। जो दो व्यक्ति नदी पार करवा रहे थे, वह दूर होकर निकल गए। इसके बाद जैसे ही नदी के बीच पहुंचे तो पानी अचानक से गहरा हो गया, जिसमें आगे चल रहे युवक डूबने लगे। जो डूब रहे थे, उन्हें बचाने के लिए जो-जो पानी में गया वह भी डूबता चला गया। जो लोग पानी में झटपटा कर बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे, उनमें से कुछ को डूबने वालों ने पकड़ लिया तो वह भी बाहर नहीं निकल पाए।

Posted By: anil tomar

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