Shivpuri UPSC Result: शिवपुरी . नईदुनिया प्रतिनिधि। शिवपुरी कलेक्ट्रेट में सहायक ग्रेड-3 के पद पर कार्यरत बाबू सुरेंद्र यादव के 23 वर्षीय बेटे शुभम का यूपीएससी में चयन हो गया है। शुभम ने बचपन में दादा और फिर पिता की अंगुली पकड़ कर कलेक्टर बनने का सपना देखा था।अब यह सपना साकार होने जा रहा है क्योंकि सोमवार की देर शाम आए यूपीपीएससी के परिणाम में शुभम ने आल इंडिया में 263 वीं रैंक हासिल की है।
दादा और पापा से जाना कुछ नया करने का जज्बा
शुभम ने नईदुनिया से दूरभाष पर की गई बातचीत में बताया कि उनके दादाजी स्व. संग्राम सिंह यादव कलेक्ट्रेट में चपरासी थे। तब वह बहुत छोटे थे और कभी-कभी उनके साथ कलेक्ट्रेट जाते थे। इसके बाद पिता सुरेंद्र यादव कलेक्ट्रेट में सहायक ग्रेड-3 बने तब भी वह कलेक्ट्रेट जाते थे। इस दौरान उन्होंने दादा और पिता से जाना कि अगर आपको समाज के लिए कुछ नया करना है। समाज की सेवा करना है तो आपको कलेक्टर बनना पड़ेगा, क्योंकि यह पद सेवा का सबसे सशक्त माध्यम है। बकौल शुभम यादव तभी से आंखों में कलेक्टर बनने सपना संजोया हुआ था। शुभम और उनके पिता को उम्मीद है कि इस रैंक पर उन्हें आइएएस रैंक मिल जाएगी।
पहले प्रयास में प्री में ही हो गए असफल, दूसरे प्रयास में मिली सफलता
शुभम का कहना है कि उन्होंने बारहवीं शिवपुरी से ही पास की थी, इसके बाद स्नातक की उपाधि गणित विषय में हंसराज कालेज दिल्ली से हासिल की। कोविड काल के दौरान शुभम ने दिल्ली से आनलाइन कोचिंग की। शुभम का कहना है कि वह कोविड के उपरांत भोपाल शिफ्ट हो गए, क्योंकि शिवपुरी में यूपीएससी परीक्षा का सेंटर नहीं पड़ता है। यहां उन्होंने तैयारी की। प्रथम प्रयास में वह प्री-एग्जाम में ही बाहर हो गए थे। दूसरे प्रयास में उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
मेरी इच्छा थी कि जहां नौकरी करता हूं वहां बेटा अधिकारी बने
शुभम के पिता सुरेंद्र यादव वर्तमान में कलेक्ट्रेट में स्थापना बाबू हैं। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा था कि जिस कलेक्ट्रेट मैं नौकरी कर रहा हूं वहां मेरा बेटा अधिकारी बने। बेटा पिता के सपने को पूरा करे इससे बढ़कर क्या खुशी हो सकती है। आज मेरे बेटे ने यह सपना पूरा कर दिया है।
महिला सशक्तिकरण पहली प्राथमिकता
शुभम के अनुसार अगर उन्होंने देखा है कि दिल्ली जैसे महानगरों में ट्रांसपोर्टेशन की अच्छी व्यवस्था है। इस कारण वहां ज्यादातर महिलाएं काम करती हैं क्योंकि यातायात सुगम और सुरक्षित है। यदि वह किसी जिले में बतौर आइएएस पदस्थ होंगे तो वहां ऐसी व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे ताकि महिलाएं अधिक से अधिक काम कर सकें और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। शुभम के अनुसार उनकी दूसरी प्राथमिकता इस बात पर निर्भर करती है कि उन्हें कौन सा कैडर मिलता है। उनके अनुसार अगर उन्हें मप्र मिला तो वह सबसे पहले कृषि के लिए सिंचाई व्यवस्था को दुरूस्त करने का प्रयास करेंगे और कृषि व सिंचाई दोनों में तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता होगी।
Posted By: anil tomar
- # Shivpuri UPPSC Result
- # Shivpuri News
- # Shivpuri UPPSC
- # Shivpuri's successful youth
- # inspired by grandparents