टीकमगढ़। नईदुनिया प्रतिनिधि
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए बनाए गए केंद्र अब सूने पड़े हुए हैं। शासन ने भले ही अंतिम तिथि बढ़ाते हुए 31 मई 22 कर दी हो, लेकिन किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि किसान कृषि उपज मंडी में व्यापारियों को उपज देना उचित समझ रहे हैं। किसानों का मानना है कि केंद्रों पर प्रबंधकों की मनमानी और पैसों की मांग के साथ ही रेट भी कम मिल रहे हैं। ऐसे में वह अब कृषि उपज मंडियों का रूख कर रहे हैं। खरीदी केंद्र देरी, लक्ष्मनपुरा, बड़ोराघाट, गोर सहित 92 विभिन्ना केंंद्र ऐसे हैं, जहां पर सन्नााटा छाया हुआ है।
गौरतलब है कि टीकमगढ़ जिले में 104 और निवाड़ी जिले में 28 केंद्र बनाए गए हैं। इसमें टीकमगढ़ में 1.90 लाख मेट्रिक टन और निवाड़ी में 0.40 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य है। जिले में सभी गेहूं, चना, मसूर व सरसों को मिलाकर 46112 किसानों ने ही पंजीयन कराया है। लेकिन उपज बेचने किसान नहीं पहुंच रहे हैं। अभी वर्तमान में टीकमगढ़ जिले के महज 12 केंद्रों पर 967 मेट्रिक टन और निवाड़ी में 194 मेट्रिक टन गेहूं ही खरीदा गया है। आंकड़ों से समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिए किसानों की अरूचि को माना जा रहा है। मंडी में गेहूं प्रति क्विंटल 100 रुपये तक अधिक बिक रहा है, जबकि सरसों 700 से 1400 रूपये प्रति क्विंटल तेज बिक रहा है। समर्थन मूल्य पर खरीदी 1 अप्रैल से शुरू की गई थी।
तारीख बढ़ाई, फिर भी किसानों की नहीं रूचि
किसानों द्वारा गेहूं समर्थन मूल्य पर नहीं बेचे जाने के कारण शासन ने तारीख बढ़ा दी। पहले अंतिम तिथि 16 मई 22 थी। लेकिन जब किसान उपज लेकर केंद्र नहीं पहुंचे, तो 31 मई 22 तक अवधि बढ़ा दी। लेकिन इससे कोई अंतर नहीं आया। खरीदी केंद्रों पर अधिकारी-कर्मचारी अब भी हाथ पर हाथ रखे हुए बैठे हुए हैं। केंद्रों पर किसान उपज लेकर नहीं पहुंच रहे हैं। किसानों ने कहा कि तारीख बढ़ाने से कोई सरोकार नहीं है। सरकार ने समर्थन मूल्य कम रखा है। नारगुड़ा के किसान राधेश्याम कुशवाहा ने कहा कि समर्थन मूल्य मंडी भाव से ज्यादा होना चाहिए। वहीं किसान महेश पाल ने कहा कि केंद्रों पर प्रभारी, सर्वेयर सहित अन्य परेशान करते हैं, जिससे अब किसान वहां नहीं जा रहे हैं। दाम भी अच्छे नहीं मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में मंडी पहुंचना ही उचित समझा जा रहा है।
खरीदी केंद्रों में धरी रह गई तैयारियां
जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के लिए केंद्र निर्धारित किए गए हैं। अब खरीदी केंद्रों पर किसान नहीं पहुंच रहे हैं। यहां पर किसानों के लिए छांव, पानी, बैठने की व्यवस्था सहित विभिन्नाा इंतजाम किए गए हैं। लेकिन किसान नहीं पहुंचने के कारण प्रशासन की यह व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गईं। अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि वही किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं उतनी ही मात्रा में बेचेंगे, जितना उनको सोसायटियों का कर्जा देना होगा। अन्यथा दाम अधिक मिलने से वह मंडी का रूख करेंगे। मंडी सचिव घनश्याम प्रजापति ने बताया कि बुधवार को टीकमगढ़ कृषि उपज मंडी में लाइसेंसी व्यापारियों ने बोली के माध्यम से करीब 5 हजार क्विंटल गेहूं खरीदा है। इसमें 2.51 हजार रूपये क्विंटल तक गेहूं बिका है।
किसानों को स्लाट व्यवस्था नहीं आई रास
पूर्व में ऐसी व्यवस्था थी कि किसान को मैसिज करके बुलाया जाता था और अगर किसान किन्ही कारणवश नहीं पहुंच पाया, तो दोबारा बुलाया जाता था। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत किसान को स्लाट बुक करना होगा, जिसमें स्लाट बुक करने तय तारीख पर लाना पड़ेगा। अगर नहीं ला पाए, तो कारण बताते हुए सात दिनों के अंदर केंद्र पर उपज जमा करानी होगी। इस दौरान अगर सात दिन बीत गए, तो न उपज केंद्र में किसान दे सकेगा और न ही दोबारा स्लाट बुक होगा। ऐसे में किसान फिलहाल असमंजस में पड़ा हुआ है।
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इस प्रकार कराया है किसानों ने पंजीयन
तहसील क्षेत्र- किसानों की संख्या
बल्देवगढ़- 7924
टीकमगढ़- 7178
खरगापुर- 7021
बड़ागांव धसान- 5673
मोहनगढ़- 5017
जतारा- 4834
पलेरा- 4815
लिधौरा- 3650
कुल- 46112
Posted By: Nai Dunia News Network
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