धीरज गोमे, उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। धर्मनगरी उज्जैन में जल्द ही 90 नई और 40 पुरानी डीजल बसें दौड़ेंगी। इसके लिए नगर निगम तैयारी कर रहा है। उद्देश्य, लोक परिवहन सुविधा बढ़ाकर सड़कों पर यातायात का दबाव घटाना और वायु प्रदूषण रोकना है। कार्यवाही रिपोर्ट के अनुसार नगर निगम की उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड कंपनी (यूसीटीएसएल) ने वर्षों से आफ रोड 40 डीजल बसों को चलवाने के लिए आपरेटर चयन करने हेतु 14 सितंबर तक निविदा आमंत्रित की है। इसी के साथ अमृत मिशन में 40 नई सीएनजी चलित बसों को खरीदने के लिए निविदा प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार की कनवर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) एजेंसी के जरिये 50 इलेक्ट्रिक बसें प्राप्त करने को प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए बना लिया है।
दावा है कि सबकुछ ठीक रहा तो दीपावली के पहले 40 बसें शहरी क्षेत्र और शहर से लगे 25 किलोमीटर के दायरे वाले कस्बाई क्षेत्रों तक दौड़ने लगेंगीं। सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें अगले वर्ष उज्जैन में संचालित होने लगेंगीं। नई बसें ग्रास रूट माडल पर चलवाई जाएंगीं। बताया कि कंपनी कबाड़ हो चुकी साल 2010 में खरीदी 39 सीएनजी बसों को बेचने की भी तैयारी कर रही है। बसों को निष्प्रेरित करने के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को फाइल भेजी है। उनकी रिपोर्ट आने पर बोर्ड की सहमती लेकर कबाड़ बसों को नीलाम किया जाएगा।
अभी हो रहा 10 बसों का संचालन
केंद्र सरकार से साल 2013 में मिली 50 डीजल चलित बसों में से 10 बसें अभी आन रोड है। उज्जैन-तराना रूट पर तीन, उज्जैन-चंद्रावती रूट पर तीन, उज्जैन-शाजापुर रूट पर दो और देवासगेट-नानाखेड़ा बस स्टैंड रूट पर दो बसों को संचालन हो रहा है।
सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्त रखने को हो रहा सर्वे अंतिम चरण में
उज्जैन की सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्त रखने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) शहर में वन-टू-वन सर्वे कर रही है। ये सर्वे इस माह समाप्त होने की कगार पर है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी काम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान बनाएगी। इसी प्लान के अनुसार शहर की सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। ब्रिज, चौराहों का विकास करेगी और अंडरपास, फ्लायर ओवर बनाए जाएंगे।
लोक परिवहन सेवा बढ़ने के तीन बड़े फायदे
पहला- कम कार्बन उत्सर्जन से पर्यावरण में सुधार।
दूसरा- सड़क पर लगने वाले वाहनों के जाम की स्थिति से मुक्ति।
तीसरा- सार्वजनिक परिवहन के जरिये यात्रा अधिक सुरक्षित होना और सड़क दुर्घटनाएं कम होना।
यह भी जानिये
उज्जैन शहर 152 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसमें नगर निगम की सीमा 102.74 वर्ग किलोमीटर की है। उज्जैन के लिए पहला काम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान 1991 के लिए साल 1973 से 75 के बीच तैयार हुआ था। इसके बाद ये 2006 में रिवाइज्ड हुआ। इसके बाद साल 2021 के लिए बना। अभी शहर की आबाबाद 6 लाख 75 हजार के आसपास अनुमानित है। 2035 तक आबादी 8 लाख होने का अनुमान उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी ने लगाया है।
Posted By: Nai Dunia News Network