उज्जैन (नईदुनिया उज्जैन)। शहर में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात इस सीजन की सबसे सर्द रात रही। न्यूनतम तापमान सात दिनों में लगातार लुढ़ककर 14.6 डिग्री से 4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। तीन साल पहले तापमान इतना नीचे गया था। मौसम विभाग ने कहा है कि फिलहाल ठंड से कोई राहत नहीं है। दो दिन और तीव्र शीतल दिन रहेंगे। ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़े पहनें और घरों में ही रहें।
जीवाजी वेधशाला के अनुसार इसके पहले 29 दिसंबर 2018 को न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री रिकार्ड हुआ था। उसके बाद के वर्षों में तापमान इतना नीचे या इसके करीब नहीं रहा। इस साल बारिश, बादल और कोहरा छंटने के बाद से सर्दी दिन-प्रतिदिन अपने सारे रिकार्ड तोड़ रही है। 7-8 जनवरी को हुई बारिश के बाद से शहर में तीव्र सर्दी कायम है। इस सीजन में अब तक का सबसे सर्द दिन 11 जनवरी को था, जब दिन का अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ था। तब रात का न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ था। इसके बाद सर्दी कुछ दिन कमजोर पड़ी, मगर 22 जनवरी से फिर बढ़ती चली गई। सप्ताहभर से न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है।
उज्जैन में शीतलहर का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन और तीव्र शीतल दिन रहने का अनुमान जताया है। शुक्रवार को हवा 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। दिन का अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री से उछलकर 22.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। सुबह आर्द्रता 85 फीसद और शाम को 42 फीसद रही।
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तारीख न्यूनतम तापमान
13 जनवरी 2017 2.0 डिग्री
29 दिसंबर 2018 2.5 डिग्री
28 दिसंबर 2019 5.0 डिग्री
20 जनवरी 2020 6.4 डिग्री
31 जनवरी 2021 4.5 डिग्री
28 जनवरी 2022 4.0 डिग्री
(स्रोत : जीवाजी वेधशाला, उज्जैन)
कड़कड़ाती ठंड से आलू प्याज को नुकसान, गेहूं, चना अभी सुरक्षित
उज्जैन। जिले में ओलावृष्टि व ठंड से प्याज व आलू में नुकसान हुआ है। पौधों की बढ़त रुक गई है। पत्ते पीले पड़ने लगे हैं, जिससे क़्वालिटी कमजोर हो सकती है। उत्पादन भी प्रभावित होगा। गेहूं व चने में कोई नुकसानी नहीं बताई जा रही है। बता दें जिले में 4 लाख 85 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं व 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आलू, प्याज की बोवनी की है। किसानों के अनुसार प्याज ,आलू में 25 फीसद नुकसान हुआ है। वहीं गेहूं ,चने की स्थिति अच्छी हैं।
इस वर्ष रबी की फसल संकट में है। गत दिनों पहले जिले में ओलावृष्टि से अनेक क्षेत्रों में गेहू को काफी नुकसान हो चुका है। जिसकी राहत राशि अभी तक किसानों तक नही पहुचीं है। भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रवक्ता भारत सिंह बैस ने बताया कि वर्तमान मौसम से आलू प्याज को थोड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन गेहूं, चने में फायदा है। कृषि वैज्ञानिक डॉ डीएस तोमर ने बताया कि 3 से 4 डिग्री तापमान होने पर ही पाला पड़ने की संभावना रहती है। वर्तमान में ऐसी स्थिति नहीं हैं। चन्देसरा के किसान नंदकिशोर पटेल ने बताया कि अभी आलू,प्याज के पत्ते पीले पड़ रहे हैं जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
Posted By: Nai Dunia News Network