Jaya kishori: नागदा जंक्शन। ईश्वर को याद करते ही नहीं है। भगवान को फुर्सत मिलने पर याद करते हैं। समय मिला तो याद किया, नहीं मिला तो नहीं किया। आप जब संकट में रहते हैं तब चाहे आधी रात ही क्यों न हो, याद करते हैं। संतुष्टि का भाव ही ईश्वर के निकट लाता है। यह बात हिंदू सनातन जागृति मंच समिति के तत्वाधान में वार्को सिटी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक जया किशोरी ने कही।
Jaya Kishori Bhagwat Katha : भक्त प्रहलाद और ध्रुव का प्रसंग सुनाया
उन्होंने कथा में सुरूची, भक्त प्रहलाद, ध्रुव का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति का जिसमें जीव रहता है, उसे वही जन्म मिलता है। भरत जड़भरत हिरण में उनका जीव था तो उन्हें वही जन्म मिला। भक्त प्रहलाद की असीम भक्ति के कारण भगवान ने उन्हें खंभे में दर्शन दिए। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण ही प्रायश्चित का श्रेष्ठ उपाय बताया है।
Jaya Kishori in MP: भगवान का नाम लेने से मिट जाते हैं पाप
भगवान की शरण में रहने वाले भक्तों के पाप श्री भगवान के नामोच्चारण से ऐसे नष्ट हो जाते हैं, जैसे सूर्य उदय होने पर कोहरा नष्ट हो जाता है। कथा में मुख्य अतिथि कर्नाटक के राज्यपाल डा. थावरचंद गेहलोत, अतिथि पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत, जितेंद्र गेहलोत, भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला, सांसद प्रतिनिधि ओपी गेहलोत, नपा उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा, पार्षद गोलू यादव, बद्रीलाल पोरवाल, आशीष जैन, पंकज मारू, रवि कांठेड़, बिट्टू यादव थे।
Posted By: Prashant Pandey
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