Mahakal Savari : उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सोमवार से श्रावण का उल्लास छा गया। श्रावण की शुरुआत सोमवार के दिन होने से पहले ही दिन भगवान महाकाल की सवारी निकाली गई। शाम चार बजे शाही ठाठबाट के साथ अवंतिकानाथ ने नगर भ्रमण किया।कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भक्त सवारी में शामिल नहीं हो पाए। रास्ते में लोगों ने घरों की छतों, गैलरियों आदि से दर्शन किए।
भगवान चंद्रमौलेश्वर रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। श्रावण-भादौ मास में इस बार सात सवारी निकलेगी लेकिन भक्तों के शामिल होने पर प्रतिबंध रहा।कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर समिति ने इस बार नए मार्ग से सवारी निकाली है।
महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी बड़े गणेश मंदिर, हरसिद्घि चौराहा, झालरिया मठ के रास्ते सिद्घआश्रम के सामने से होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्घि की पाल होते हुए हरसिद्घि मंदिर के सामने से पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
प्रशासन ने भक्तों से घर में रहकर टीवी व मोबाइल फोन पर सवारी के दर्शन की व्यवस्था की है। अत्याधुनिक 25 कैमरों से सवारी का सीधा प्रसारण किया जाएगा। पहली बार भक्तों को सवारी का आंखों देखा हाल बताने की व्यवस्था भी की गई । इसके लिए हरसिद्घि मंदिर के समीप कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
श्रावण मास में सवारी
पहलीः 6 जुलाई दूसरी : 13 जुलाई तीसरीः 20 जुलाई चौथी :27 जुलाई पांचवीं: 3 अगस्त भादौ मासपहली सवारी-10 अगस्त शाही सवारी-17 अगस्त
सभा मंडप में 20 लोगों को पूजन की अनुमति
कोरोना संक्रमण के चलते सवारी में भजन मंडल, झांझ डमरूदल आदि को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई।
सभा मंडप में पूजन के समय भी केवल 20 लोग मौजूद रहे। सवारी में पालकी के साथ 30 लोग सवारी में सुरक्षाकर्मियों के अलावा पालकी के साथ महज 30 लोग मौजूद हैं।
कोरोना टेस्ट हुआ
सभा मंडप व पालकी के साथ सवारी में शामिल होने वाले 50 लोगों का शनिवार शाम कोरोना टेस्ट हुआ। निगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों को ही इसमें शामिल होने की अनुमति मिली
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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