Ujjain Crime News: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम रूई में शुक्रवार एक महिला ने तीन साल के बालक का अपहरण का प्रयास किया। बालक अपनी बहन के साथ स्कूल जा रहा था। उसी दौरान महिला ने उसे उठाया और दौड़ लगा दी थी। बालक के रोने व बहन के शोर मचाने पर ग्रामीण एकत्र हो गए और महिला का पीछा कर उसे पकड़ लिया और बालक को छुड़वा लिया।
बच्चे को गोद में उठाया और दौड़ लगा दी
पुलिस ने बताया कि अयोध्याबाई पटेल निवासी ग्राम रूई ने शुक्रवार को शिकायत की है कि उसका तीन साल का पोता रुद्रप्रताप व नौ वर्षीय पोती सिमरन दोनों पैदल गांव में ही स्थित स्कूल जा रहे थे। उसी दौरान एक महिला ने रुद्रप्रताप को गोद में उठाया और दौड़ लगा दी थी। इससे बालक रोने लग गया और वहीं उसकी बहन सिमरन ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
महिला के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज
जिसे सुनकर ग्रामीण एकत्र हो गए और पीछा करके महिला को पकड़ लिया। उससे सकुशल बच्चा छुड़वा कर उसके स्वजन को सौंप दिया। वहीं महिला को पुलिस को सौंप दिया गया। पूछताछ में महिला ने अपना नाम कविता निवासी जावद नीमच हालमुकाम ढाबला फंटा बताया। पुलिस ने महिला के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर उससे पूछताछ कर रही है।
दुर्घटना में घायल युवक की मौत, उपचार में लापरवाही का आरोप
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भैरवगढ़ थाना क्षेत्र में 28 जनवरी को हुई दुर्घटना में घायल युवक की जिला अस्पताल में मौत हो गई। स्वजन ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बाद में पुलिस की समझाइश पर माने। पुलिस मामले की जांच कर रही है।भैरवगढ़ पुलिस ने बताया कि धीरज सिंह पंवार उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम रूई 28 जनवरी को अपनी बाइक से पिपलीनाका में रहने वाली मौसी के घर आ रहा था। उसी दौरान ग्राम रूई के समीप धीरज के एक्टिवा स्कूटर से उसकी भिड़ंत हो गई थी। घायल धीरज को उपचार के लिएजिला अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय राणा ने धीरज का उपचार किया था। पैर की हड्डी टूटने और चोट के कारण उसे उपचार के लिए अस्पताल में दो दिन भर्ती रखा गया था। 30 जनवरी को डॉक्टर ने धीरज को अस्पताल से छुट्टी दे दी थी। इस पर स्वजन उसे घर ले गए थे।
गुरुवार शाम को अचानक धीरज की तबीयत खराब हुई थी इसके बाद परिवार के लोगों से दोबारा जिला अस्पताल लाए थे। यहां इलाज के दौरान धीरज की मौत हो गई।पांच साल पहले पिता की भी दुर्घटना में मौतधीरज के स्वजन समंदर सिंह पंवार ने बताया कि मृतक धीरज के पिता की पांच वर्ष पहले दुर्घटना में ही मृत्यु हो गई थी। धीरज को दोबारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया तभी से कुछ खाया नहीं था और पानी पिलाने पर उल्टियां कर रहा था। डाक्टरों ने उपचार में लापरवाही बरतते हुए उससे अंदरूनी चोट होने के बाद भी अन्य जांच या इलाज नहीं किया। इस कारण उसकी मौत हो गई वही। इस संबंध में डॉ राणा का कहना है कि मृतक के पैर में मामूली फ्रैक्चर था। प्लास्टर कर दो दिन भर्ती रखने के बाद उसकी छुट्टी की थी, लेकिन स्वजन ने उसकी अन्य परेशानियों के बारे में नहीं बताया था।
Posted By: Nai Dunia News Network
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