Vikram Samwat 2080: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सम्राट विक्रमादित्य की नगरी उज्जैन में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 22 मार्च को विक्रम संवत 2080 का स्वागत सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर किया जाएगा। सुबह छह बजकर 27 मिनट पर शिप्रा तट पर शंख, ढोल-नगाड़े व शहनाई की मंगल ध्वनि के साथ नगरवासी सूर्योदय की प्रथम किरण को अर्घ्य प्रदान करेंगे। संवत्सर सूक्त का पाठ किया जाएगा। घरों में गुड़ी व धर्म ध्वज का आरोहण होगा।

नीम मिश्री का वितरण किया जाएगा। पंचांगकर्ता व ज्योतिर्विद पं. आनंद शंकर व्यास के सान्निध्य में कल्पादि, सृष्टयादि, युगादि महोत्सव का यह 46वां वर्ष है। इस दिन सुबह पांच बजे बड़े गणेश मंदिर से ढोल नगाड़ों के साथ शिप्रा तट तक कलश यात्रा निकाली जाएगी।

यहां नगरवासियों की मौजूदगी में सुबह 6.27 बजे मंगल वाद्यों की मधुर ध्वनि के साथ सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर हिंदू नववर्ष का स्वागत किया जाएगा। पं. व्यास ने बताया चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सृष्टि के आरंभ का दिन है। इस दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है। सम्राट विक्रमादित्य ने भी इसी दिन से विक्रम संवत का आरंभ किया था।

संपूर्ण देश में इस दिन सुबह एक साथ नूतन वर्ष का उत्सव मनाया जाना चाहिए। इस दिन सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के बाद ब्रह्मा, विष्णु व शिव का पूजन करें। ध्वज पूजन, मंगल कलश पूजन कर नृत्य संगीत के साथ भजन कीर्तन का आयोजन करें। तीर्थ पूजन कर आरती उपरांत गुड़, नीम, मिश्री का वितरण कर परस्पर शुभकामनाएं प्रदान करना चाहिए।

Posted By: Navodit Saktawat

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