Ujjain Mandi Bhav: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इस वर्ष जिले में गेहूं का उत्पादन बंपर मात्रा में हुआ है। सरकारी खरीदी ने भी रिकार्ड बनाया है लेकिन दिशावर में मांग कमजोर होने से व्यापार आधे सीजन में ही खामोश हो गया। जिससे भविष्य में तेजी की मनोदशा बन जाने से स्टाकिस्ट सक्रिय हो गए हैं। इधर स्थानीय उपभोक्ताओं की मांग पूर्णा, सरबती (Sharbati Wheat) में मजबूत है। बीते तीन माह में सीजन के दौरान मंडी नीलामी में करीब 15 लाख बोरी गेहूं बिक चुका है। अभी भी 20 से 22 हजार बोरी गेहूं की आवक हो रही है।

2100 से 2700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा

सीजन के शुरुआती दिनों में किसानों को गेहूं के काफी आकर्षक भाव मिल रहे थे। बीते दो सप्ताह से दिशावर में मांग कमजोर पड़ जाने से भाव में नरमी आ गई है लेकिन स्थानीय उपभोक्ताओं की सालाना स्टॉक के लिए गेहूं की खरीदी बढ़ गई है। जिससे क्वालिटी वाला पूर्णा गेहूं (Purna Wheat) महंगा है। नीलामी में गेहूं 2100 से 2700 रुपये क्विंटल तक बिक रहा है। स्थानीय बाजार में मीडियम सस्ते गेहूं की मांग अच्छी है। लोकल दलाल तरुण जैन का कहना है कि इस बार बेमौसम बरसात के कारण शहर के उपभोक्ता सालभर खाने का स्टॉक नहीं रख पाए थे।

हर दिन बिक रहा 3 हजार क्विंटल गेहूं

बीते एक सप्ताह से तेज धूप व मौसम साफ होने के बाद फ्रीगंज, दूध तलाई, मंडी स्थित खेरची दुकानों पर गेहूं की बिक्री बढ़ गई है। प्रतिदिन करीब 3000 क्विंटल गेहूं बिक रहा है। बता दें बीते दो तीन साल कोरोना के चलते सालाना गेहूं स्टाक करने वाले ग्राहकों में कमी आ गई थी। अधिकतर रेडीमेड आटा खरीदना पसंद कर रहे थे। इस बार पुनः गेहूं खरीदी पर रुझान बढ़ा है।

तेजी की मनोदशा से लाखों क्विंटल गेहूं स्टाक

दिशावर में कमजोर मांग के चलते गेहूं में मंदी का दौर है। जिसमें स्टाकिस्टों की खरीदी बढ़ गई है। नीलामी में खरीदा अधिकांश गेहूं स्टाक में जा रहा है। कारोबारियों को 2000 से 2300 रुपये क्विंटल बिक रहे गेहूं में 300 से 500 रुपये क्विंटल की तेजी दिखाई दे रही है। यानी भविष्य में गेहूं के भाव 3000 रुपये क्विंटल पार कर जाएंगे।

बीते वर्ष गेहूं में भारी तेजी दर्ज हो चुकी है। विश्लेषकों का यह भी मानना है कि इस बार सरकार को समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से काफी अधिक मात्रा में गेहूं मिला है। केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय खाद्य निगम भी इस बार जून ,जुलाई से खुले बाजार में गेहूं बेचना शुरू कर देगी। ऐसे में गेहूं में भारी तेजी की संभावना पर शंका पैदा करता है। ऐसा भी माना जा रहा है कि आने वाला साल चुनाव का होने से सरकार खाद्यान्न की तेजी पर नजर रखेगी। निर्यात पर प्रतिबंध पहले से ही लगा हुआ है।

Posted By: Prashant Pandey

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