Ujjain News : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्राचीन फिल्मों पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को विक्रम कीर्ति मंदिर सभागार में हुआ। पहले दिन 12 फिल्में प्रदर्शित की गईं, मगर इन्हें देखने के लिए नाम मात्र के दर्शक ही मिले।

इस कारण समारोह का शुभारंभ भी घंटेभर देरी से हुआ। मुख्य अतिथि पेरू एंबेंसी के राजदूत एचई जेवियर मैन्यूअल पालिनिच वेलार्ड और वहीं के फर्स्ट सेक्रेटरी फाबियो सुबिया डियाज थे।

विशेष अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र शर्मा, पूर्व कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा, भारतीय विद्वत परंपरा के अनन्य साधक डा. भगवतीलाल राजपुरोहित, लेखक राजशेखर व्यास थे। स्वागत आयोजक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने किया।

पहले दिन 1913 में प्रदर्शित फिल्म राजा हरिशचंद्र, 1919 में प्रदर्शित कालियामर्दन, 1973 में प्रदर्शित विष्णु पुराण, 1940 में प्रदर्शित नरसी भगत, 1942 में प्रदर्शित भरत मिलाप सहित पेरू की फाल आफ सिविलाइजेशन, इ इंका सिटिज इन द क्लाउड, इंडोनेशिया की फिल्म केदिरी सेजारल माजा पाहित, कंबोडिया में प्रदर्शित फिल्म द ख्मेर एम्पायर फाल आफ गाड किंग, लिथुआनिया की फिल्म मैनेजर्स आफ लक, तेलगु फिल्म विक्रमा थु थान कंडा वेधालम, भट्टी विक्रमार्क एलइडी स्क्रीन पर प्रदर्शित की गई। फिल्मों के बारे में सामान्य जानकारी भी मंच से साझा की गई।

श‍न‍िवार को ये फिल्में प्रदर्शित होंगी

1943 में प्रदर्शित राम राज्य, 1947 में प्रदर्शित भक्त ध्रुव, 1960 में प्रदर्शित मायामछिन्द्र, 1978 में प्रदर्शित बलराम श्रीकृष्ण, 1950 में प्रदर्शित श्री गणेश, 1955 में प्रदर्शित वामन अवतार, इसके अलावा वेनेजुएला की फिल्म मारिया लिओजा, रामायण अ शेयर्ड कल्चर, जापान की दर्शन आफ द डिवाइन इंडियन डाइटिज वर्शिप्ड इन जापान, इंडियन रूट्स आफ तिब्बतन बुद्धिज्म, कन्नड़ फिल्म बब्रुवाहन, गुजराती फिल्म भक्त नरसिया, सम्राट विक्रमादित्य एवं जादूगर सांतला जोगी, पुर्तगाली फिल्म अनिबाल ओ कान्वेटाडोर।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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