Ujjain News: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उज्जैन निवासी नौसेना अधिकारी की विशाखापत्तनम में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत होने के बाद शुक्रवार को पार्थिव शरीर महू से उज्जैन लाया गया। यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अधिकारी की अंतिम यात्रा निकाली गई। चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। शहर के राजेंद्र नगर निवासी नंदावल्लभ पांडे आबकारी विभाग में अकाउंटेंट हैं। पांडे के पुत्र भास्कर पांडे नेवी में एविएशन स्ट्रक्चरल मेकेनिक- सेफ्टी इक्यूपमेंट (एएमइ) के पद पर पदस्थ थे। वर्तमान में वह विशाखापत्तनम में पदस्थ थे। 29 वर्षीय भास्कर को 7 जनवरी को ड्यूटी के दौरान ही हार्ट अटैक आ गया था।
वीर सपूत भास्कर पांडे जी की आज अंतिम यात्रा को देखकर हम सबकी आंखें नम हैं। मन बहुत भारी और हृदय पीड़ा से भरा हुआ है।
आप भले ही हमारे बीच सशरीर नहीं हैं, अपितु सर्वदा हमारे दिलों में एक अखण्ड प्रकाश पुंज की भांति देदीप्यमान रहेंगे। विनम्र श्रद्धांजलि!
जय हिंद!
।। ॐ शांति ।। https://t.co/mItd3EEBSc
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 22, 2021
उस दौरान उनके साथ मौजूद अफसरों ने एक घंटे तक कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (सीपीआर) देकर उनकी जान बचाने की कोशिश की थी। सीपीआर के कारण उनकी सांसें तो लौट आई थी मगर मस्तिष्क के भीतर खून का थक्का जम गया था। 7 जनवरी से ही वह बेहोशी की अवस्था में अस्पताल में भर्ती थे। 19 जनवरी को एक बार फिर बेहोशी की अवस्था में ही भास्कर को हार्ट अटैक आ गया। इससे भास्कर का निधन हो गया।
पुष्प वर्षा की
शुक्रवार को भास्कर का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से उज्जैन में राजेंद्र नगर स्थित उनके घर पर लाया गया। स्वजनों अपने बेटे की पार्थिव देह देख विलाप करने लगे। यहां सुबह करीब 9 बजे सेना के वाहन में ही अंतिम यात्रा निकाली गई। कई स्थानों पर पुष्प वर्षा की गई। शहरवासियों ने भारत माता के जयकारे लगाए। चक्रतीर्थ घाट पर उनका अंतिम संस्कार छोटे भाई जीवन प्रकाश ने किया। यहां गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
मां-बहन ने किया दुलार
भास्कर का शव जब सेना के वाहन में राजेंद्र नगर स्थित घर लाया गया तो यहां मां व बहनों ने दुलार किया। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू भी छलक रहे थे। देश सेवा के दौरान निधन होने के कारण उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया था। भाई जीवन प्रकाश ने बताया कि बडे भाई भास्कर बचपन से ही सेना में जाकर देश सेवा करना चाहते थे। दो बार एयरफोर्स व तीन बार थल सेना में चयन हो गया था। लेकिन शरीर के अनुरूप वजन नहीं होने के कारण बाहर कर दिया गया था। छठी बार में जब उनका चयन हो गया और वह ज्वाइन हुए तो काफी खुश थे।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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