Ujjain News : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में बेगमबाग क्षेत्र के नालों का हजारों गैलन सीवेज युक्त पानी सीधे मिलने से राजधानी भोपाल तक हलचल मची। असर यह हुआ कि स्थानीय प्रशासन को भूखी माता स्टापडेम के गेट खोल रातों-रात रामघाट पर जमा शिप्रा का पानी बदलना पड़ा। जिम्मेदारी तय करने को जांच कमेटी का गठन कर दिया गया।

नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यकारी निदेशक रोशन कुमार सिंह ने ‘नईदुनिया’ से कहा कि इस गंभीर लापरवाही के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इधर, महापौर मुकेश टटवाल ने इस घटना के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ आशीष पाठक, अधीक्षण यंत्री नीरज पांडे और कार्यपालन यंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्‍होंने कहा है कि इनकी जिम्मेदारी बनती थी कि वे खड़े रहकर अनुभवी एवं तकनीकी इंजीनियर से मार्गदर्शन प्राप्त कर काम कराएं। देख रहा हूं कि स्मार्ट सिटी कंपनी में सारे काम मनमर्जी से हो रहे हैं। शिप्रा में गंदा पानी मिलना गंभीर विषय है। इस मामले में निगम आयुक्त सह स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यकारी निदेशक को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

मालूम हो कि एक दिन पहले रामघाट के समीप सीवरेज पाइपलाइन फोड़ दिए जाने से बेगमबाग क्षेत्र के नालों का सारा गंदा पानी सीधे शिप्रा में मिल गया था। इससे रामघाट और उससे आगे भरा शिप्रा का समूचा जल अत्यधिक दूषित हो गया था। नजारा देख श्रद्धालुओं की आस्था आहत हुई थी। दुर्गंध के कारण लोगों का श्वास लेना मुश्किल हुआ था। कई लोग स्नान किए बगैर ही लौट गए थे।

‘नईदुनिया’ ने पड़ताल में पाया था कि पाइपलाइन का काम उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारी मेघदूत वन पार्किंग प्रोजेक्ट को क्रियान्वित कर रही तीर्थ गोपीकान फर्म के श्रमिकों से करवा रहे थे। जबकि पाइपलाइन के कार्य से तीर्थ गोपीकान का कोई लेना-देना नहीं था।

श्रमिकों ने अफसरों के कहे मुताबिक जब अनुपयोगी (डेड) सीवरेज पाइपलाइन को निकालना चाहा तो वो फूट गई। हकीकत यह रही कि जिसे वे डेड पाइपलाइन समझ रहे थे वो हकीकत में डेड थी ही नहीं। अगर अफसर वर्षों पहले रुद्रसागर से रामघाट के किनारे होकर सदावल ट्रीटमेंट प्लांट तक बिछाई सीवरेज पाइपलाइन के संबंध में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त कर लेते तो संभवत: पाइपलाइन फूटती ही नहीं।

श्रद्धालुओं को स्नान के लिए साफ पानी

मंगलवार सुबह रामघाट पर स्नान, श्राद्ध-तर्पण करने आए श्रद्धालुओं को नदी में स्नान के लिए साफ पानी मिला। नगर निगम के कर्मचारी नदी के पानी और घाट क्षेत्र को स्वच्छ रखने में ताकत झौंकते नजर आए।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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