उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नानाखेड़ा स्थित राजमाता सिंधिया स्टेडियम में बने एथलेटिक्स ट्रैक पर सिंथेटिक लेयर (विशेष डामर की परत) चढ़ाने को छठवें प्रयास में ठेकेदार मिल गया है। ठेकेदार फर्म का नाम ग्रेट इंडियन स्पोर्ट्स है। फर्म दिल्ली की है, जिसने निविदा में शामिल मानक दर से 0.5 फीसद कम रेट पर काम करने को स्वीकृति दे दी है। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ने ठेकेदार फर्म को 15 दिन में अनुबंध कर काम शुरू करने को पत्र भेजा है।

मालूम हो कि एथलेटिक्स ट्रैक पर 4 करोड़ 37 लाख रुपये में सिंथेटिक परत चढ़ाने के लिए पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन बीते सात महीनों में छह बार निविदा निकाल चुका है। हर बार निविदा में प्रतिभागी ठेकेदार फर्मों ने कार्पोरेशन द्वारा निर्धारित मानक दर से अधिक दर पर काम करने का प्रस्ताव दिया। नियमानुसार चूंकि यह मुनासिब नहीं था, इसलिए पांच बार में प्राप्त निविदा प्रस्ताव मंजूर नहीं किए जा सके। छठवीं बार निविदा जमा करने की आखिरी तारीख 30 जून थी। निर्धारित अवधि में दिल्ली की ही दो फर्मों ने फिर से निविदा प्रस्ताव दिए। दिल्ली की ग्रेट इंडियन स्पोर्ट्स ने 3 फीसद अधिक और एक अन्य फर्म ने 7.50 फीसद अधिक दर पर काम करने का प्रस्ताव दिया। चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही कार्पोरेशन ने निविदा की तकनीकी और वित्तीय बीड खोली। कम दर का प्रस्ताव देने वाली ग्रेड इंडियन स्पोर्ट्स को पत्र भेजा और कहा कि निर्धारित दर से अधिक दर पर काम नहीं करा सकते। यदि आप निर्धारित रेट पर या कम रेट पर काम करने को राजी है तो आपको ठेका दिया जा सकता है। पत्र के जवाब में ग्रेट इंडियन स्पोर्ट्स ने मानक से 0.5 फीसद कम दर पर काम करने को सहमती दे दी। इसी के साथ कार्पोरेशन ने सोमवार ठेकेदार को पत्र भेजा कि वे 15 दिन में अनुबंध करें और काम शुरू करें।

अप्रैल- 2023 के पहले प्रोजेक्ट पूरा होगाः एथलेटिक्स ट्रैक प्रोजेक्ट जून- 2023 के पहले पूरा हो सकता है। याद रहे कि जिला खेल अधिकारी की ओर से खेल मंत्रालय को भेजे 7.20 करोड़ रुपये से सिंथेटिक एथेलेटिक्स ट्रैक बनाने के प्रस्ताव को सालभर पहले स्वीकृति मिली थी। स्वीकृति उपरांत खेल विभाग ने पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के माध्यम से फाउंडेशन वर्क 1 करोड़ 70 लाख रुपये से कराया। काम पूर्ण होने के बाद ट्रैक पर सिंथेटिक परत चलाने के लिए पांच बार निविदा निकाली मगर ठेकेदार तय नहीं हो पाया। जानकारों का कहना है कि छह माह में प्रोजेक्ट पूरा करने का कार्य आदेश जारी किया जाएगा। यानी इस साल प्रोजेक्ट पूरा होना मुश्किल होगा। क्योंकि काम करने में बारिश बाधा बनेगी। यदि बारिश और कीचड़ के बीच काम किया तो सिंथेटिक परत फूलने की संभावना रहेगी। अक्टूबर में काम शुरू किया तो अप्रैल तक प्रोजेक्ट पूरा हो सकेगा।

यह भी जानियेः

- स्टेडियम की जमीन 10.1325 हेक्टेयर है, जिसकी कलेक्टर गाइडलाइन अनुसार कीमत करीब 65 करोड़ रुपये है।

- एथलेटिक्स ट्रैक के बीच फुटबाल का मैदान बनाया है।

- परिसर में बहुउद्देश्यीय इनडोर स्टेडियम बनाने को शासन ने 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। कहा है कि इनडोर स्टेडियम बनने पर यहां बैडमिंटन, जिम्नास्टिक, टेबल-टेनिस, जूडो, कराते सहित 10 इनहाउस खेल खेले जा सकेंगे। निर्माण के लिए जल्द निविदा निकालने वाली है।

-नानाखेड़ा स्टेडियम की आधारशिला एक दशक पहले क्रिकेट स्टेडियम बनाने को रखी थी, पर वक्त के साथ यहां न क्रिकेट खेलने की अनुकूलता बनी और न अन्य खेलों के विकास के लिए कार्य हुआ।

-स्टेडियम एक वर्ष पहले तक उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के अधीन था, मगर अब खेल विभाग के अधीन है।

-उज्जैन विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल ने नानाखेड़ा स्टेडियम खेल विभाग को सशर्त हस्तांतरित किया था। प्रमुख शर्त यह थी कि खेल विभाग को तीन साल में कम से कम 10 फीसद विकास कार्य स्टेडियम में कराना होंगे।

Posted By: Nai Dunia News Network

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