उमरिया, नईदुनिया प्रतिनिधि। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर में शनिवार को एक और मादा तेंदुए की मौत हो गई है। हर बार की तरह इस बार भी यही बताया जा रहा है कि तेंदुए की मौत बाघ के हमले में हुई है। इसी सप्ताह 21 नवम्बर को यहीं तेंदुए के दो शावकों की मौत हो गई थी। मरने वाले शावकों की मां मादा तेंदुए की तलाश अभी तक नहीं हो पाई है। इसी बीच शनिवार को एक और तेंदुए का शव जंगल में मिल गया। चंसुरा के पास तेंदुए का शव मिलने के बाद वन विभाग का अमला सक्रिय हो गया औरअधिकारी मौके पर पहुंच गए।
Umariya : बाघ से फाइटिंग में मादा तेंदुए की मौत pic.twitter.com/APpSMiAelt
— NaiDunia (@Nai_Dunia) November 26, 2022
पहले शावकों से जुड़ा रिश्ता
पनपथा कोर में मादा तेंदुए का शव मिलने के बाद पहले तो लोगों ने इसका रिश्ता इसी सप्ताह मरने वाले तेंदुआ शावकों से सीधे जोड़ दिया था। लोग यह बताने लगे थे कि मरने वाली मादा तेंदुआ शावकों की मां है। यह जानकारी भी शुरू में सामने आई थी कि यह मादा तेंदुआ पिछले सप्ताह से ही घायल थी। जबकि बाद में यह जानकारी सामने आई कि यह दूसरी मादा तेंदुआ है जिसकी मौत बाघ से संघर्ष में हुई है।
टूट गई थी रीढ़ की हड्डी
बताया गया है कि बाघ के साथ संघर्ष में मादा तेंदुए के रीढ़ की हड्ढी टूट गई थी। शरीर के कई हिस्सों में घातक चोट भी लगी थी। यही कारण है कि उसकी मौत हो गई। बताया गया है कि बाघ के साथ संघर्ष में मादा तेंदुए के शरीरसे काफी सारा खून भी बह गया था जिसके कारण उसकी जान नहीं बच सकी। यह जानकारी भी सामने आ रही है कि संघर्ष के बाद काफी समय तक तेंदुए के बारे
में वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी ही नहीं लगी जिससे उसकी जान चलीगई। यह जानकारी मिल रही है कि जंगल में गश्त बिल्कुल नहीं हो रही हैजिसके कारण इस तरह की घटनाओं की जानकारी अधिकारियों को देरी से मिलती है।
भूख से हुई थी शावकों की मौत
इसी सप्ताह के पहले दिन सोमवार 21 नवम्बर को बांधवगढ टाइगर रिजर्व में तेंदुए के दो शावकों की मौत होने का मामला सामने आया था। इस बारे में यह जानकारी दी गई थी कि दोनों शावकों की मौत भूख और प्यास की वजह से हुई थी। पार्क प्रबंधन ने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि एक शावक पहले ही मर गया था जबकि दूसरा भूख से तड़प रहा था, जिसे उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया और उसके उपचार की व्यवस्था भी की गई लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। दोपहर बाद उसकी भी मौत हो गई।
यहां मिले शावक
यह घटना भी पनपथा बफर परिक्षेत्र के जंगल में हुई थी। पनपथा के बटुराहार में तेंदुए के दो शावक पार्क की गश्ती टीम को अनाथ अवस्था मे मिले थे। दो में से एक शावक की मौके पर मौत हो गई थी जबकि दूसरे को टाइगर रिजर्व के कार्यालय लाकर इलाज के प्रयास शुरू किए गए लेकिन बाद में उसकी भी मौत हो गई। तेंदुए के शावकों के मिलने के बाद प्रबंधन ने डाग स्कायड की मदद से घटनास्थल की जांच की थी। साथ ही प्रबंधन शावकों की मां को ढूंढ़ने मेंजुटा हुआ था। प्रबन्धन के मुताबिक मां से शावक अलग हो गए थे जिस परशावकों के भूख एवं प्यास से उनकी मौत हो गई है। पर प्रबंधन यह पता लगाने का प्रयास भी कर रहा है कि आखिर शावकों को छोड़कर मां उनसे अलग कैसे हो गई? कहीं कोई दूसरी घटना तो मादा तेंदुए के साथ नहीं हुई है? हालांकि एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रबंधन मृत शावकों की मां को तलाश नहीं कर पाया।
Posted By: Jitendra Richhariya
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