Bandhavgarh Tiger Reserve : उमरिया नई दुनिया प्रतिनिधि। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर रेंज अंतर्गत ग्राम मझखेता में बाघ के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई है। यह घटना संभवता शनिवार की शाम को किसी समय हुई होगी। इस घटना की जानकारी रविवार की सुबह ग्रामीणों को तब लगी जब गांव के लोग मवेशी लेकर जंगल की तरफ जा रहे थे। बताया गया है कि है जंगल में ग्रामीण का शव पाया गया जिसके बाद क्षेत्र में इस बात की चर्चा शुरू हो गई। मृतक ग्रामीण का नाम अनुज बैगा बताया गया है, जो ग्राम बिजोरी का रहने वाला है। इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक अनुज बैगा का शव ग्राम पंचायत मझखेता के कुम्हइ में पाया गया है। गांव के लोगों का कहना है कि अनुज पर बाघ ने हमला किया होगा और बाद में उसके शव को खा लिया।

तलाशते रहे परिजन

बताया गया है कि अनुज बैगा शनिवार से लापता था, जिसकी तलाश उसके घर के लोग लगातार कर रहे थे। लेकिन किसी को यह अनुमान नहीं था कि अनुज बैगा बाघ का शिकार हो चुका है। रविवार की सुबह जब जंगल के अंदर अनुज का शव पाया गया तो उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। गांव के लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस को अज्ञात शव पाए जाने की सूचना दी थी। पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद सुबह से ही शव को पहचान की कोशिश शुरू कर दी गई थी। बाद में जब जंगल के अंदर शव मिलने की जानकारी बिजौरी तक पहुंची तब मृतक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने उसकी पहचान अनुज बैगा के रूप में की।

लोगों में आक्रोश

जंगल में बाघ के हमले से अनुज बैगा की मौत होने की जानकारी सामने आने के बाद ग्रामीणों में गुस्सा भड़क गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग गांव के आसपास घूमने वाले बाघों को नियंत्रित नहीं कर पा रहा है। बाघों को जंगल के अंदर हांकना चाहिए जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है यही कारण है कि जंगल से लगे गांव में अक्सर इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं। पिछले महीने की 22 तारीख को नवरात्र के पहले दिन पनपथा रेंज के झाल बीट में नत्थू पाल पर हमला करके बाघ ने उसे भी अपना शिकार बना लिया था। इस तरह की घटनाएं ग्रामीणों को आक्रोशित कर रही हैं।

नहीं पहुंचे अधिकारी

जंगल में अनुज बैगा का शव मिलने के काफी देर बाद तक वन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। वन विभाग के अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही अक्सर सामने आती है। नत्थू पाल पर बाघ के हमले के बाद भी वन विभाग के अधिकारी साडे 4 घंटे तक मौके पर नहीं पहुंचे थे। इस मामले में भी वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचने में काफी देरी की जिसे लेकर ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया।

Posted By: Dheeraj Bajpaih

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