Cyber Fraud: जैसे जैसे इंटरनेट का उपयोग बढ़ता जा रहा है वैसे ही इससे जुड़े ठगी और क्राइम के मामले भी सामने आते जा रहे हैं। ठग आपके खाते में डाका डालने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे हैं। वॉट्सऐप पर आपको लिंक भेजकर, अश्लील वीडियो काल करके और फर्जी यूपीआई पैमेंट दिखाकर लोगों को ठगा जा रहा है।
विदिशा जिले में ऑनलाइन ठगी का सबसे ज्यादा शिकार दुकानदार, बुजुर्ग पेंशनधारी और शासकीय कर्मचारी बन रहे हैं। नोटबंदी और कोरोना के बाद से ही डिजिटल लेनदेन सबसे ज्यादा हो रहा है। ऐसे में ज्यादातर व्यापारी ठगों के निशाने पर हैं। आर्मी अफसर बनकर फोन पर किराना आदि सामग्री का आर्डर देना और फिर फोन पर ही भुगतान के समय व्यापारी उसके खाते से संबंधित पूरी जानकारी लेना।
इसके अलावा क्यूआर कोड स्कैन करके दुकानदार को भुगतान की भ्रामक तस्वीर दिखाने के मामले बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं शासकीय कर्मचारी भी ठगों के निशाने पर हैं। इसलिए विदिशा जिले में पिछले माह 1500 अधिकारी, कर्मचारियों को साइबर सिक्योरिटी को लेकर प्रशिक्षण दिया गया था। पुलिस के मुताबिक जिले में हर साल 2500 से ज्यादा शिकायतें आती हैं। पिछले दो साल में इसका आकंड़ा ज्यादा बढ़ा है। यही कारण है कि जिले के 8 बड़े थानों में साइबर यूनिट की स्थापना कराई गई है।
गूगल से निकाला हेल्पलाइन नंबर, हो गई ठगी
जिला जन अभियान परिषद की समन्वयक पूजा बंधैया के साथ 82 हजार रुपये की ठगी हो गई। पिछले हफ्ते उन्होंने आनलाइन शापिंग साइड का हेल्पलाइन नंबर गूगल पर सर्च किया और फोन करके बैंक संबंधित जानकारी साझा कर दी। दो बार में उनके खाते से 82 हजार रुपये निकल गए।
आर्मी अफसर बनकर फोन पर की खरीदी
शहर के किराना व्यापारी बृजराज साहू को आर्मी अफसर बताकर फोन पर किराना सामग्री का आर्डर दे दिया। जब भुगतान की बारी आई तो उसने फोन पर बैंक खाते की जानकारी ली और वॉट्सऐप पर लिंक भेजी जब दुकानदार ने उस पर क्लिक किया तो थोड़ी देर में ही खाते से 25 हजार रुपये चले गए।
फोन पर बात न करें, पासवर्ड बदलते रहें
एसएटीआइ कॉलेज के आइटी मेंटेनेंस प्रभारी डा सुनील जोशी कहते हैं कि सबसे ज्यादा बुजुर्ग पेंशनधारी इसके शिकार हो रहे हैं। उन्हें एंड्रायड फोन ठीक से चलाना नहीं आता, वे ठगों के सांझे में आसानी से आ जाते हैं। इससे बचने का उपाय ये है कि फोन पर यदि कोई भी खाते संबंधित निजी जानकारी मांगे तो उसे न दें चाहे फोन बैंक से ही क्यो न आया हो। इसी तरह एटीएम, डिजिटल भुगतान वाले एप के पासवर्ड बदलते रहें। हर कहीं फ्री का वाईफाइ उपयोग में न लें। बिजली कनेक्शन कटने, एटीएम ब्लॉक होने वाले कॉल भी फर्जी होते हैं।
इनका कहना है
साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए हमने कुछ थानों में साइबर सेल यूनिट स्थापित की है। जिले में 40 आरक्षकों को प्रशिक्षित भी किया गया है। ये ठगी जागरूकता से ही रुक सकती है। इसलिए पुलिस लगातार जागरूकता अभियान भी चला रही है। तुरंत थाने में शिकायत करनी चाहिए, बैंक को भी इसकी जानकारी दें, 1930 टोल फ्री नंबर पर फोन कर सकते हैं।- समीर यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विदिशा
Posted By: Nai Dunia News Network