Vidisha News :विदिशा (नवदुनिया प्रतिनिधि )। जिले के आनंदपुर में प्रख्यात कथा वाचक मुरारी बापू की चल रही रामकथा के दौरान बुधवार दोपहर को आंधी से कथा स्थल और भोजन के लिए बनाया पंडाल उड़ गया। इसकी चपेट में आने से चार लोगों को हल्की चोटें आई है। मौसम के इस बिगड़े रूप के कारण बापू को एक घंटे पहले ही कथा का समापन करना पड़ा।
सदगुरु सेवा संघ द्वारा आनंदपुर में रामकथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक मुरारी बापू कथा सुना रहे हैं। उनकी कथा रोज सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक चलती है। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे अचानक मौसम बिगड़ा और तेज आंधी का दौर शुरू हो गया।
उस समय कथा स्थल पर बने पंडाल में दस हजार से अधिक लोग कथा सुन रहे थे। आंधी के कारण कथा स्थल का पंडाल उड़ने लगा तो लोगों ने खंभे पकड़ लिए, लेकिन फिर भी पिछला हिस्सा उड़ गया। इसी के बगल में भोजन के लिए भी बड़ा पंडाल लगाया गया है। यहां बड़ी संख्या में लोग भोजन कर रहे थे।
आंधी के कारण पंडाल उड़ने लगा तो लोग हाथों में भोजन की प्लेट लेकर इधर, उधर भागते नजर आए। इस पंडाल को आंधी ने भारी नुकसान पहुंचाया। इसकी चपेट में आने से चार लोग घायल हो गए। सदगुरु सेवा संघ से जुड़े रवि उपाध्याय ने बताया कि घायलों को मामूली चोट आई थी। उपचार के बाद वे स्वस्थ है और पंडाल को ठीक कराने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि आंधी के कारण बापू ने एक घंटे पहले ही कथा संपन्न कर दी।
बापू ने अजा वर्ग के परिवार के घर किया रात्रि विश्राम
मुरारी बापू कथा के बाद रोज किसी गरीब के घर जाकर भोजन कर रहे है। मंगलवार की शाम को वे भ्रमण के दौरान गांव के अजा वर्ग के बाबूलाल अहिरवार के घर पहुंचे और उन्होंने वहां चाय और भोजन भी किया। परिवार का प्रेम देखकर उन्होंने रात्रि विश्राम उन्हीं के घर करने की इच्छा जताई। जिस पर बाबूलाल ने प्रसन्नता से अपनी सहमति दी। बापू ने घर के बाहर बने चबूतरे पर ही रात बिताई।
ग्रंथकृपा नहीं गुरुकृपा जरूरी
रामकथा के पांचवें दिन बापू ने कहा कि जीवन में ग्रंथ कृपा नहीं गुरुकृपा की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के रूप में आए बुद्ध पुरुष बोलने लगता है तब वहां देहांतर हो जाता है, जिनकी तरफ एक-एक कदम चलते ही शांति घूमने लगे, जिन को देखते ही आंख में पानी आने लगे जिसके पास बैठे तो परम की याद आने लगे वही सद्गुरु है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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