एमफिल और पीएचडी के छात्रों को बड़ी राहत मिली है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एमफिल और पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए थीसिस जमा करने की डेटलाइन 30 जून 2022 तक बढ़ा दी है। यूजीसी ने ट्विटर पर नोटिस शेयर कर इसकी जानकारी दी। आयोग के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि शोधकर्ताओं के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

छात्रों को मिला अतिरिक्त समय

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एमफिल और पीएचडी छात्रों को अपने शोध प्रबंध जमा करने के लिए 31 दिसंबर 2021 के बाद आगे छह महीने यानी 30 जून 2022 तक समय दे सकते हैं। जैन ने कहा, 'थीसिस जमा करने की अवधि को विस्तार देकर जून तक किए जाने का ऐलान ऐसे छात्रों पर लागू होगी।' जिनके शोध प्रबंध जमा कराने की तारीख 30 जून या उससे पहले है।

फेलोशिप का कार्यकाल पांच साल तक रहेगा

रजनीश जैन ने आगे कहा कि छह महीने का विस्तार दो सम्मेलनों में प्रकाशन और प्रस्तुति के साक्ष्य देने के लिए किया जा सकता है। हालांकि फेलोशिप का कार्यकाल केवल पांच वर्षों तक ही रहेगा।

यूजी और पीजी के लिए सीईटी अनिवार्य

वहीं यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीईटी की तैयारी करने को कहा है। साथ ही आयोग ने पीएचडी दाखिले के लिए नेट एग्जाम पास करना जरूरी कर दिया है। यूजीसी द्वारा पीएचडी, पीजी और यूजी एडमिशन के लिए जारी किए नए नियम अगले शैक्षणिक सत्र 2022-23 लागू होगा।

Posted By: Shailendra Kumar

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