बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। दौड़भाग के दुनिया में पैर में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए स्वास्तिक आसन का अभ्यास करें। इस अभ्यास से दर्द से मुक्ति मिलती है। योग विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्तिक आसन से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। डिप्रेशन के मरीजों के लिए इसे थेरेपी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
कोरोना काल में स्वस्थ रहने का यह बेहतर माध्यम था। इससे व्यक्ति चिंता से बाहर निकल सकता है। छात्र-छात्राओं को परीक्षाओं के दौरान स्वास्तिक आसन करने की सलाह दी जाती है। इस अभ्यास को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं और दोनों पैरों को मोड़कर जांघ और पिंडलियों के बीच ऐसे रखिए कि दोनों का पंजे घुटनों के अंदर चले जाएं।
अब दोनों हाथों को घुटने पर रखकर पूरे शरीर को सीधा कर लीजिए। ध्यान रखे की घुटने जमीन से लगे हुए हों। उसके साथ-साथ जांघ और कमर सीधी रहनी चाहिए। इस आसन को हर रोज 20 मिनट तक करने से सर्दियों में भी पैर गर्म रहने लगेंगे। इस आसन को गर्मियों में करते हैं तो पैरों में पसीना नहीं आएगा। स्वास्तिकासन करने से कब्ज दूर होती है और पाचन शक्ति बढ़ जाती है।
स्वास्तिकासन करने से पैरो में होने वाले दर्द से मुक्ति मिलती है। इस शासन को हर रोज करने से पसीने की बदबू भी दूर हो जाती है। इस आसन को करने से आपकी शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर हो जाएंगी। यह तन और मन को सही संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
वायु रोग को दूर करने में भी स्वास्तिकासन बहुत मदद करता है। अगर इसको सही तरीके से किया जाए तो यह कमर दर्द कम करने में मदद करता है। जिन लोगों को साइटिका की समस्या है उन लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए। रीढ़ की हड्डी से संबंधित कोई परेशानी है तो इस आसन को न करें।
Posted By: Manoj Kumar Tiwari
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