Breastfeeding Week 2022: अगस्त के पहले हफ्ते को वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक के रूप में मनाया जाता है। वहीं इस बार इसकी थीम है स्तनपान के लिए कदम: शिक्षा और समर्थन। बता दें कि ब्रेस्ट फीडिंग बच्चे की सेहत के साथ-साथ मां की सेहत के लिए भी काफी जरुरी होता है। इस दौरान दूध पिलाने वाली मां को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिससे उन्हें खुद व उनके बच्चे को एनीमिया की समस्या न हों। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आम तौर पर महिलाओं के शरीर में आयरन और कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसके कारण बच्चे के शरीर में भी इन पोषक तत्वों का अभाव हो जाता है। इन चीजों पर यदि समय पर ही ध्यान नहीं दिया जाए तो बच्चे और मां दोनों को एनीमिया की समस्या हो जाती है। बच्चे को दूध पिलाने वाली मांओं को अपनी डायट में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आज हम इसी बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
एनीमिया होने के कारण
बच्चे को दूध पिलाने वाली मांओं को ध्यान रखना चाहिए कि उनकी डायट में आयरन विटामिन डी और कैल्शियम सही मात्रा में हो। अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए तो एनीमिया की समस्या हो जाती है। दरअसल ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैल्शियम और आयरन का सीक्रेशन होता है। यानी कि दूध के साथ ये पोषक तत्व महिलाओं के शरीर से बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में यदि उनके शरीर को सही डायट नहीं मिलती है तो एनीमिया की समस्या हो जाती है।

कमजोर हो जाती हैं हड्डियां
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ एनीमिया ही नहीं ब्रेस्टफीडिंग के दौरान संतुलित और पौष्टिक आहार न लिया जाए तो महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो जाती है। दरअसल दूध के साथ निकलने वाले कैल्शियम का सिक्रेशन हड्डियों से ही होता है। यही वजह है कि आपको अपनी डाइट में कैल्शियम को भी जरूर शामिल करना चाहिए।
विटामिन डी है जरूरी
ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के विटामिन डी की इंपोर्टेंस के बारे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शरीर में कैल्शियम का ऑब्जर्वेशन तभी होता है जब शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध हो। यानी कि आप कितने भी कैल्शियम सप्लिमेंट्स क्यों न लें यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी होगी तो इस कैल्शियम का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा।
ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं ले ये डायट
ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए एक हेल्दी डायट में हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार हरी पत्तेदार सब्जियां, मखाना, छुआरे, मुनक्का जैसे ड्राई फ्रूट्स लेने चाहिए। साथ ही खाना लोहे की कढ़ाई में बनाकर खाना चाहिए। डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें। दाल और दलिया जैसी चीजें हर दिन अपनी डायट में शामिल करें। वहीं भोजन करने के आधा से एक घंटे के बाद में चाय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने पर भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों और आयरन का ऑब्जर्वेशन कम हो जाता है।
Posted By: Navodit Saktawat
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