Cholesterol Control Tips । किसी भी व्यक्ति के शरीर में जब Cholesterol बढ़ने लगता है कि कई तरह की अन्य बीमारियों में शरीर को बीमार करने लगती है। यदि समय रहते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर लिया जाए तो हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर सहित कई अन्य बीमारियों को काबू में किया जा सकता है। अक्सर हमने सुना है कि यदि किसी काम को लगातार 21 दिन कर लिया जाए तो हमें उसकी आदत पड़ जाती है। हम यहां आपको कुछ ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं, जिससे आप मात्र 21 दिन में भी Cholesterol स्तर को आंशिक रूप से कम कर सकते हैं और यदि इसे लंबे समय तक जारी रखा जाए तो काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
Cholesterol Control Fruits : रोज जरूर खाएं ये पांच फल
Cholesterol कम करने में फलों की अहम भूमिका होती है। यदि फलों को नियमित रूप से डाइट में शामिल किया जाए तो Cholesterol लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। हम यहां आपको 5 फलों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें यदि 21 दिन तक अपनी डाइट में शामिल किया जाए तो शरीर तेजी से डीटॉक्स होगा और Cholesterol का स्तर कम होगा -
स्ट्रॉबेरी - Cholesterol लेवल को कम करने में स्ट्रॉबेरी सहायक होती है। इसमें काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
सेब - Cholesterol कम करने में सेब भी काफी मददगार होता है। सेब में पेक्टिन मौजूद होता है, जो एक फाइबर है। यह शरीर में तेजी से Cholesterol लेवल को कम करता है।
खट्टे फल - खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा जैसे फलों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। विटामिन सी से भरपूर खाना इम्यूनिटी बढ़ाता है, वहीं Cholesterol भी कम करता है।
एवोकाडो - यह ऐसा फल है, जो शरीर में तेजी से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। एवोकाडो आसानी से मिलता नहीं है, लेकिन यदि इसका रोज सेवन करते हैं तो Cholesterol लेवल तेजी से नियंत्रित किया जा सकता है।
अंगूर - अंगूर को डाइट में शामिल करना भी काफी फायदेमंद है। अंगूर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है। अंगूर खाने से वजन भी नियंत्रित होता है।
High Cholesterol कम करेंगे ये 5 योगासन
आयुर्वेद में कहा गया है कि हमारी शरीर जितना ज्यादा लचीला रहेगा, बीमारियां शरीर से हमेशा दूर रहेगी। Cholesterol का बढ़ा हुआ लेवल शरीर की मांसपेशियों में तनाव लाने के साथ-साथ रक्त प्रवाह को भी प्रभावित करता है। शरीर को लचीला बनाने में योगासन प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यदि आप भी High Cholesterol की समस्या से परेशान हैं तो रोज पांच फलों के सेवन के साथ-साथ ये पांच योगासन भी रोज करेंगे तो 21 दिन में आपको आंशिक असर देखने को मिल जाएगा। साथ ही यदि आप इसे नियमित करते हैं तो जल्द ही Cholesterol लेवन संतुलित हो जाएगा। जानिए कौन से 5 योगासान कम करते हैं Cholesterol लेवल -
उत्तानपादासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन तंत्र, पीठ के निचले भाग, हिप्स और जांघों से जुड़ी समस्याओं में बहुत ही लाभदायक है। यदि पाचन सही रहता है तो भी Cholesterol तेजी से कम होने लगता है। उत्तानपादासन करने से लिए पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को सिर के पीछे या हिप्स के नीचे रख लें। इसके बाद सांस भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। 3 से पांच सेकेंड रुके। फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लेकर आएं। इस अभ्यास को शुरुआत में कम करें, लेकिन धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 8 से 10 बार करें।
शलभासन: शलभासन करने से भी Cholesterol कम होता है। इस आसन को करने से लीवर और पेट के अंग मजबूत होते हैं। आमाशय और आंत की बीमारियां भी दूर होती है। इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। हाथों को अपनी कमर के पास रखें। सांस भरते हुए शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से को उठाने की कोशिश करें। जब शरीर हवा में रहेगा, तब सांस रोक कर रखें, फिर जब वापस आए तो सांस धीरे-धीरे छोड़ें। इस अभ्यास को भी 8 से 10 बार जरूर करें।
पश्चिमोत्तानासन: पश्चिमोत्तानासन आसन लीवर और किडनी को एक्टिव करने का काम करता है। साथ ही इससे मोटापा भी कम होता है। अंदरूनी अंगों पर जमे फैट से भी छुटकारा दिलाता है। Cholesterol को कम करने से यह आसन रामबाण औषधि से समान है। इस आसन को करने के लिए सांस भरते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं और सांस छोड़ते हुए सामने की ओर झुकें। अपने हाथों को सामने मैट पर रखें या पैर के पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। कुछ ही इस स्थिति में रहने के बाद फिर वापस पहले की स्थिति में आ जाए। इस आसन को भी रोज 8 से 10 बार करना चाहिए।
अर्ध मत्स्येंद्रासन: अर्ध मत्स्येन्द्रासन भी खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करता है। पेट के अंगों की मालिश करता है। शिथिल पड़े हुए अंग फिर से सक्रिय हो जाते हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ डायबिटीज मरीजों के लिए भी यह आसन काफी फायदेमंद है। इस योगासन को करने के लिए पैरों को सीधा करके बैठ जाएं और फिर किसी एक पैर को मोड़कर, जो पैर सीधा है उसके जांघों के पास टिका लें। अब जो पैर ऊपर है उसके विपरीत हाथों को घुटने के पास ले जाएं। इस आसन को भी 8 से 10 बार करना चाहिए। शुरुआत में यह आसन ज्यादा न करें।
जानु सिरासन: Cholesterol कम करने में जानु सिरासन भी काफी फायदेमंद होता है। यह आसन किडनी को स्वस्थ रखने में काफी सहायक होता है। यदि शरीर के अंदरूनी अंगों पर वसा या Cholesterol जमा हो जाता है तो इस आसन को करने से फायदा मिलता है। इस आसन को करने के लिए एक पैर को सीधा रखें और दूसरे को मोड़ लें। सांस भरते हुए हाथों को ऊपर लेकर जाएं और सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुके जाएं। 10 सेकेंड रुके रहने के बाद फिर से पूर्व की स्थिति में आ जाए। इस आसन को भी 8 से 10 बार करना चाहिए।
गुड कोलेस्ट्रॉल बनता है विटामिन व हार्मोन, बेड कोलेस्ट्रोल से दिखते हैं ये संकेत
- हमारा शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल से ही विटामिन और हार्मोन का निर्माण करता है। यदि शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो और खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो शरीर में रक्त का प्रवाह बाधित होने लगता है। आज हम शरीर के कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर त्वचा पर दिखाई देते हैं।
- शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, इसलिए त्वचा पर निशान देखे जा सकते हैं। त्वचा पर नारंगी, पीले रंग के निशान दिखने लगते हैं। साथ ही अगर आपको हाथ, पैर या त्वचा पर किसी अन्य जगह पर निशान दिखें तो इसे हल्के में न लें। ऐसे में हृदय रोग होने की संभावना रहती है।
- यदि आंखों के ऊपर पीले रंग के दाने या पपड़ी हो तो इस लक्षण को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण भी हो सकता है। जब रक्त में वसा की मात्रा बढ़ जाती है, तो आंखों के ऊपर पीले रंग के चकत्ते भी मधुमेह का संकेत हो सकते हैं।
- न केवल त्वचा पर बल्कि पलकों पर भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण दिखाई देते हैं, जब पलकों पर पीले रंग का विकास होता है, तो संभव है कि शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ रहा हो। पलकों पर पीलापन लिए हुए भूरे रंग का होना उच्च खराब कोलेस्ट्रॉल का संकेत देता है।
हाथ और पैर की त्वचा पर दर्द
- रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, हाथों और पैरों की त्वचा पर झुनझुनी महसूस होने लगती है। हाथों और पैरों की त्वचा में अस्पष्टीकृत दर्द बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हो सकती है ये बीमारियां
हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी, पीसीओएस, स्व-प्रतिरक्षित रोग, सोरायसिस
स्वस्थ शरीर में कितना कोलेस्ट्रॉल होता है?
एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में कुल 140 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। इसमें 70 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल हमें खाने से मिलता है। शेष 30 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल शरीर की कोशिकाओं और यकृत में बनता है। एक स्वस्थ व्यक्ति का लीवर प्रतिदिन लगभग 100 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर खतरनाक
उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना) नामक विकार का कारण बनता है। शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे धमनियों में जमा होने लगता है। जमा एक थक्का बन जाता है। जब यह थक्का बढ़ जाता है और रक्त प्रवाह में बाधा डालता है, तो हृदय को पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। हृदय की बड़ी धमनी में रक्त संचार रुक जाने से छाती में तेज दर्द होता है। यह दिल के दौरे का पहला संकेत है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण रक्त में थक्के बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इन थक्कों के कारण दिल का दौरा पड़ता है जब धमनी में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। मस्तिष्क की नसों में इस थक्के के कारण ब्रेन हेमरेज के कारण मस्तिष्क की नसें फट जाती हैं। मरीज को बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। कोलेस्ट्रोल की अधिकता से गॉलब्लैडर में पथरी बनने लगती है। इससे अपच की शिकायत होती है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं। थकान महसूस कर रहा हूँ। उनके चेहरे पर बुढ़ापा साफ नजर आ रहा है।
हृदय रोग का अधिक जोखिम किसे है
1. जो एक जगह काम करते हैं
2. कम चलता है और किसी भी प्रकार का परिश्रम, व्यायाम नहीं करता
3. मोटे लोग
4. मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगी
5. तेल, घी, पनीर, मक्खन जैसे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने वालों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
शरीर में ऐसे कम करें बेड कोलेस्ट्रॉल का लेवल
हम जितना खाते हैं उससे ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा होती है, इसलिए कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला पहला भोजन वसा की मात्रा को कम करता है। आहार में संतुलित मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा का सेवन करें। मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी आदि तेलों का प्रयोग करें। नारियल तेल, डालडा आदि खाने से बचें। दूध में से मलाई निकाल कर उसका सेवन करें। एक अंडे की जर्दी में लगभग 275 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। मानसिक तनाव से बचें।
कोलेस्ट्रॉल जल्द खत्म करता है तिल का बीज
सर्दियों में गुड़ के साथ तिल का स्वाद काफी पसंद किया जाता है, इसलिए सर्दियों में तिल से बनी मिठाइयां खूब खाई जाती हैं। तिल में मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो शरीर से कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए जाना जाता है। तिल में प्रोटीन, मैंगनीज, विटामिन ई और फाइबर जैसे पोषक तत्व भी काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो हृदय, तनाव और मधुमेह से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर है। इसके अलावा तिल फेफड़ों के कैंसर, कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में भी फायदेमंद साबित होता है। इन सभी स्वास्थ्य लाभों के कारण ही चीनी चिकित्सा से लेकर आयुर्वेद तक हर जगह तिल की चर्चा होती है। न्यूट्रीशन रिसर्च में प्रकाशित हुए कुछ शोध में दावा किया गया है कि तिल खराब कोलेस्ट्रॉल और उच्च ट्राइग्लिसराइड के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
Posted By: Sandeep Chourey
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