Coarse Grain: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। स्वस्थ रहने के लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि हम प्रकृति के अनुरूप अपना आहार-विहार अपनाएं। मौसम में आने वाले फल-सब्जी का सेवन स्वस्थ रहने में मदद करता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह मौसम बहुत अनुकूल माना जाता है। यदि छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दिया जाए तो कई रोगों से बचा जा सकता है।

आहार व पोषण विशेषज्ञ डा. मुनीरा हुसैन के अनुसार इस मौसम में कंदमूल भी बहुत आते हैं। कंद बतलब जड़ और जिस जड़ में पौधे को जीवन देने की क्षमता होती है वह हमारे लिए भी लाभकारी होती है, इसलिए इस मौसम में आने वाले कंद जैसे चुकंदर, गाजर, मूली, शकरकंद, रतालू, सुरन, अदरक, हल्दी आदि का सेवन किसी न किसी रूप में जरूर करें। कोशिश करें कि इन्हें तले बगैर ही खाएं।

इन्हें उबालकर या सेंककर खाना ज्यादा लाभकारी होगा क्योंकि इस तरह इन्हें खाने से अतिरिक्त वसा शरीर में नहीं जाएगी। कंदमूल एंटी आक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की विघटनकारी क्रिया को रोकते हैं। इसमें कैरोटीन होता है जो कैंसर को रोकने में मदद करता है। कंदमूल में ऊर्जा बहुत होती है इसलिए इन्हें तलकर उपयोग न करें।

जहां तक बात अनाज के उपयोग की है तो गेहूं का उपयोग नहीं करके हम रोगी या कमजोर हो जाएंगे ऐसा नहीं है। भारत में गेहूं आने से पहले जिन अनाज का उपयोग किया जाता था उनका उपयोग आज भी लाभकारी है। देसी अनाज में ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, राजगिरा आदि का उपयोग करें। इनका आटा जितना मोटा होगा उतना ही बेहतर। मोटा अनाज सेहत के लिए बहुत बेहतर होता है। आहार के जरिए स्वस्थ रहने का नियम तो कहता है कि दो वक्त का नाश्ता और दो वक्त के भोजन में से कम से कम तीन वक्त मोटे अनाज का सेवन करना चाहिए।

वर्तमान परिस्थिति में यदि यह संभव नहीं हो तो एक वक्त का भोजन तो मोटे अनाजयुक्त होना ही चाहिए। इन अनाज को किसी न किसी रूप में आहार में जरूर शामिल करें। इनमें विटामिन और मिनरल प्रचूर मात्रा में होते हैं। एक वयस्क महिला को एक दिन में 250 से 300 ग्राम और एक वयस्क पुरुष को एक दिन में 300 से 400 ग्राम मोटे अनाज का सेवन करना ही चाहिए।

Posted By: Sameer Deshpande

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