kidney protection : शुगर, ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्राल की अधिकता वाले मरीज किडनी की जांच कराने पर असहज हो जाते हैं। तमाम मरीज कहते हैं कि शरीर में सूजन नहीं आई फिर किडनी की जांच क्यों कराएं। मरीजों को यह जागरुकता लाई जाए कि शरीर में सूजन तब आती है जब किडनी खराब होने लगती है। इसलिए सूजन का इंतजार न कर शुगर, ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्राल की स्थिति में वर्ष में कम से कम एक बार किडनी की जांच अवश्य कराना चाहिए। इससे किडनी संबंधी बीमारियों के गंभीर जोखिम से मरीजों को बचाया जा सकता है।

एसोसिएशन आफ फिजीशियन इंडिया (एपीआइ) जबलपुर चेप्टर द्वारा आयोजित मेडिसिन अपडेट-2023 में चिकित्सकों ने कहीं। उन्होंने यह भी बताया की हार्ट के वाल्व बदलने की प्रक्रिया अब और आसान हो गई है। छोटे से चीरे से दूरबीन द्वारा यह आपरेशन किया जा सकता है। आयोजन अध्यक्ष थायराइड, मोटापा व डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डा. आशीष डेंगरा, सचिव डा. अंकित अग्रवाल ने बताया कि दीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डा. संजय मिश्रा, पद्म श्री डा. एमसी डावर, ने दीप प्रज्जवलन किया। डा. डेंगरा ने बताया कि मोटापा के कारण होने वाली स्लीप एप्निया बीमारी में खर्राटे से राहत पाई जा सकती है। सी पैप मशीन इसमें कारगर है। मशीन की सहायता से शरीर में जमा कार्बन डाय आक्साइड बाहर निकाल दी जाती है। जिससे सुस्ती दूर होती है, खर्राटे से राहत मिलती है और मोटापा, ब्ल्डप्रेशर, शुगर पर भी नियंत्रण होता है।

गर्भावस्था में बार्डर लाइन थायराइड की अनदेखी न करें-

चिकित्सकों ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान बार्डर लाइन थायराइड की अनदेखी गंभीर खतरा बन सकती है। गर्भस्थ शिशु के विकास में बाधा के साथ ही गर्भपात का खतरा बना रहता है। देश के कई शहरों से आए 300 विशेषज्ञों ने चिकित्सा की विभिन्न नई पद्धितियों पर चर्चा की। डा. अनिरुद्ध व्यास इंदौर, डा. युगल के मिश्रा दिल्ली, डा. दीपक एस बहरानी, डा. अनुपम श्रीवास्तव, डा. अशोक बराट, डा. अशोक श्रीवास्तव, डा. मनोज पाराशर, डा. एमएस जौहरी, डा. एनके बंसल, डा. वीके भारद्वाज, डा. जीसी दुबे, डा. मनोज इंदुरकर आदि ने हार्ट, डायबिटीज, थायराइड, मोटापा, लंग्स ट्रांसप्लांट, अर्थराइटिस, फैबराइल इंफेक्शन पर प्रकाश डाला। संचालन डा. अमित किनरे व आभार प्रदर्शन डा. डेंगरा ने किया।

Posted By: Dheeraj Bajpaih

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