Exercise after Heart Attack । स्वस्थ जीवन शैली के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी होता है।खासकर उन लोगों के लिए व्यायाम करना विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा है। हालांकि, हार्ट अटैक के बाद व्यायाम करने के दौरान बेहद सावधानी रखनी होती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि दिल का दौरा पड़ने के बाद व्यायाम कर सकते हैं या नहीं और किस तरह की फिजिकल एक्टिविटी कितने समय में के लिए रखी जानी चाहिए -
दिल का दौरा पड़ने के बाद व्यायाम के लाभ
हार्ट अटैक के बाद यदि आप हल्का व्यायाम करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। नियमित व्यायाम से हृदय को मजबूत बनाया जा सकता है और रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है। व्यायाम करने से रक्त परिसंचरण में सुधार और ब्लाॉकेज के खतरों को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा हार्ट से संबंधित अन्य समस्याओं को भी कम किया जा सकता है। जिन मरीजों को हार्ट अटैक आता है, उनमें आमतौर पर रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखी जाती है, जिसे नियंत्रित किया जा सकता है।
व्यायाम से दूर होता है तनाव
यदि हार्ट अटैक के मरीज नियमित व्यायाम करते हैं तो तनाव और चिंता के स्तर को कम किया जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है। इसके अलावा शारीरिक फिटनेस और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साथ ऊर्जा के स्तर में वृद्धि और थकान को कम करने में भी व्यायाम फायदेमंद होता है।
दिल का दौरा पड़ने के बाद कैसे करें एक्सरसाइज
दिल का दौरा पड़ने के बाद किस प्रकार का व्यायाम करें, यह एक सामान्य प्रश्न सभी के मन में आता है। लेकिन सभी के लिए एक जैसी फिजिकल एक्टिविटी करना उचित नहीं होता है क्योंकि सभी की हार्ट कंडीशन अलग-अलग होती है। वैसे सामान्य तौर पर हार्ट अटैक के बाद एरोबिक व्यायाम, पैदन चलना, धीमी गति से साइकिल चलाना हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
सामान्य योगासन करना ज्यादा फायेदमंद
हार्ट अटैक के बाद शरीर को लचीला बनाए रखने के लिए सामान्य योगासन करना काफी फायदेमंद होता है। इससे मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में सुधार होता है। हार्ट अटैक के बाद दिल पर ज्यादा दबाव देने वाली एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। व्यायाम के दौरान अपनी हृदय गति और रक्तचाप की निगरानी करना चाहिए और अगर सीने में दर्द, चक्कर आना या सांस की तकलीफ का अनुभव हो तो रुक जाना।
Posted By: Sandeep Chourey
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